ग्रेटर नोएडा: युवाओं को लुभाने की आईएसआईएस की बढ़ती कोशिशों के बीच केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि सुरक्षा एजेंसियां इस आतंकवादी संगठन की ओर से होने वाले किसी भी तरह के खतरे से निपटने में सक्षम हैं। सिंह ने यहां एक समारोह से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘हम किसी भी खतरे से निपटने की क्षमता रखते हैं। हम इसका सामना करेंगे।’ देश में आईएसआईएस के खतरे के बारे में पूछे जाने पर गृहमंत्री ने यह बयान दिया। पिछले हफ्ते एनआईए और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने 14 युवाओं को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने कथित तौर पर महत्वपूर्ण स्थानों पर हमलों को अंजाम देने के लिए खतरनाक संगठन आईएसआईएस की तर्ज पर एक मॉड्यूल बनाया था। कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में एक साथ छापे मारे गये थे और संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया।
वे आतंकी संगठन ‘जनूद-उल-खलीफा-ए-हिंद’ के सदस्य थे, जिसके विचार लगभग आईएसआईए की तरह थे। भारतीय खुफिया एजेंसियों के अनुसार अब तक कुल 23 भारतीय आईएसआईएस में शामिल हो चुके हैं जिनमें से कथित तौर पर छह इराक-सीरिया में विभिन्न घटनाओं में मारे गये। उक्त 23 लोगों में से दो प्रतिबंधित इंडियन मुजाहिदीन संगठन के फरार सदस्य थे जो पाकिस्तान में अपने गुप्त ठिकानों से गये थे। मृतकों की पहचान आतिफ वसीम मोहम्मद (आदिलाबाद, तेलंगाना), मोहम्मद उमर सुभान (बेंगलूर, कर्नाटक), मौलाना अब्दुल कादिर सुल्तान अरमर (भटकल, कर्नाटक), सहीम फारूक तांकी (ठाणे, महाराष्ट्र), फैज मसूद (बेंगलूर, कर्नाटक) और मोहम्मद साजिद उर्फ बड़ा साजिद (आजमगढ़, उत्तर प्रदेश) के तौर पर की गयी है। करीब 150 भारतीय आईएसआईएस के साथ कथित ऑनलाइन संबंधों को लेकर निगरानी में हैं। करीब 30 अन्य भारतीयों को पश्चिम एशिया में संघर्ष प्रभावित क्षेत्र की यात्रा करने से रोका गया था जिनके अंदर आईएसआईएस के तत्वों ने कट्टरता भरी थी। पिछले साल 15 सितंबर को यूएई ने चार भारतीयों को निर्वासित किया था जिनके आईएसआईएस के साथ संबंध होने का संदेह है।