लखनऊ: समाजवादी पार्टी में मतभेद के सवाल पर आज (बुधवार) उस वक्त विराम लग गया, जब मुलायम सिंह यादव का परिवार एकमंच पर नजर आया। मौका था सांसद रामगोपाल यादव के 70 वें जन्मदिन पर उनकी किताब संसद में मेरी बात के लोकार्पण का। इस मौके पर मुलायम सिंह यादव का परिवार एक ही मंच नजर आया और सांसद अमर सिह ने परिवार की एकता पर भाषण देेते हुए मीडिया पर निशाना साधा। हांलाकि शिवपाल सिंह यादव की मौजूदगी थोड़ी असहज नजर आई। इस मौके पर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, शिवपाल सिंह यादव, सांसद धर्मेद्र यादव समेत परिवार के सभी लोग मौजूद थे। मुलायम सिंह यादव ने सांसद रामगोपाल यादव की किताब के साथ ही पत्रकार शेष नरायण सिंह की किताब धर्म निरपेक्ष राजनीति और मुलायम सिंह यादव का भी विमोचन किया। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने संबोधन में मेंहदी हसन की एक गजल का ज़िक्र करते हुए परिवार के विवादों के खत्म होने का संकेत दिया। उन्होंने कहा कि मौहब्बत में जुदाई का भी हक है। उन्होंने कहा कि रामगोपाल जी की किताब से तमाम मुद्दों पर समाजवादियों का पक्ष उजागर हुआ है। कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने रामगोपाल यादव को जन्मदिन और उनकी किताब के लोकार्पण पर उनकों बधाई दी और कहा कि सांप्रदायिक शक्तियों का सीधा मुकाबला समाजवादियों से होना है।
कार्यक्रम के शुरू होने से पहले शिवपाल यादव के इस कार्यक्रम में नहीं आने की चर्चा थी, माना जा रहा है कि अमर सिंह ने बात को संभाला और शिवपाल को मना लिया। अमर सिंह अपनी कार में शिवपाल को लेकर कार्यक्रम में पहुंचे, लेकिन मनमुटाव यहां भी दिखा और शिवपाल पीछे की ओर लगी कुर्सियों पर जाकर बैठ गए, लेकिन बाद में उन्हें आगे की पंक्ति में बिठाया गया और संदेश देने की कोशिश की गई कि कुनबे में सब सही है। बाद में अमर सिंह ने कहा कि शिवपाल पार्टी की रीढ़ हैं। पार्टी और मुलायम सिंह यादव के परिवार में मतभेद की खबरों पर सांसद अमर सिंह ने कहा कि सपा में बोलने की आजादी है, जिसे मीड़िया मतभेद के तौर पर प्रचारित करता है, जब दूसरी ताकतंे हमला करती हैं, तब सभी सपाई एकजुट होकर उस हमले का जबाव देते हैं। अमर सिंह ने मीड़िया पर हमला जारी रखते हुए कहा कि इस कार्यक्रम को लेकर मीडिया में मुद्दा है कि शिवपाल यादव यहां पहुंचेंगे या नही। शिवपाल अपना बनारस का कार्यक्रम छोड़कर यहां हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमी नरेंद्र मोदी के आतंक से उनके बडे़ बड़े मत्री आतंकित हैं, लेकिन मोदी सुब्रामण्यिम स्वामी से आतंकित है, इसकी चर्चा नही हो रही है। उन्होंने पिछले दिनों के घटनाक्रम पर कहा कि हमारे मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी की तरह किसी मसौदे को नही फडा, उन्हें जो गलत लगा उन्होंने पार्टी की शीर्ष समिति में रखा और उस पर फैसला हुआ। उन्होंने मीडिया पर तंज कसते हुए कहा कि हमारे बारे में लिखे यह अच्छा है, दूसरों के घरों में क्या चल रहा है, यह भी लिखे।