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लखनऊ (जनादेश ब्यूरो): मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव को बर्खास्त कर दिया है। समझा जाता है कि मुख्यमंत्री ने कौमी एकता दल का समाजवादी पार्टी में विलय की भूमिका बनाने वाले माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव से नाराज़ होकर यह कदम उनका मंत्री पद छीन कर उठाया है। दरअसल अखिलेश यादव विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बहुत फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं। वह नहीं चाहते कि चुनावी साल में अपराधिक छवि वाले मुख्तार अंसारी जैसे लोगो को साथ जोड़ने से पार्टी की छवि धूमिल हो और उनका विकास का मुद्दा प्रभावित हो। गौरतलब है की मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अब तक 14 मंत्रियों को बर्खास्त कर चुके हैं। पहले उन्होंने कैबिनेट मंत्री राजा आनंद सिंह, राज्य मंत्री पंडित सिंह और पवन पांडेय को बर्खास्त किया था। उसके बाद कैबिनेट मंत्री राजा राम पांडेय, राज्य मंत्री मनोज पारस को भी बर्खास्त किया था। कुंडा के सीओ जिया उल हक की हत्या की सीबीआई जांच के चलते कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया ने सीबीआई जांच पूरी होने तक अपना इस्तीफा दे दिया था। सीबीआई जांच में क्लीन चिट मिलने के बाद उन्हें दोबारा मंत्री बनाया गया। इसके बाद 29 अक्तूबर 2015 को एक साथ आठ मंत्रियों को बर्खास्त किया था। इनमें राजा महेंद्र अरिदमन सिंह, अंबिका चौधरी, शिव कुमार बेरिया, शिवाकांत ओझा, नारद राय आलोक कुमार शाक्य, योगेश प्रताप सिंह और भगवत शरण गंगवार शामिल थे। यही नहीं, इसी दिन उन्होंने नौ मंत्रियों के विभाग भी छीन लिए थे। सूत्रों का कहना है कि अभी भी कई मंत्री उनके निशाने पर हैं और बर्खास्तगी की तलवार उन मंत्रियों के गले पर लटक रही है। माना जा रहा है कि पश्चिम के दो मंत्रियों में एक का कद बढ़ाने और एक का कद घटाने की तैयारी है।

सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री जल्द ही अपने मंत्रीमंडल का चुनाव से पहले अंतिम विस्तार करने वाले हैं। जिसमे राज्यसभा और एमएलसी चुनाव में एकजुटता दिखाने पर राजा भैया का कद बढ़ाया जा सकता है। महेंद्र अरिदमन सिंह, अंबिका चौधरी और नारद राय की कैबिनेट में वापसी हो सकती है। चर्चा यह भी है कि राम र्गोंवद चौधरी और अहमद हसन के विभागों में फिर बदलाव हो सकता है। मुख्यमंत्री की पसंद के कुछ युवाओं संजय लाठर, आनंद भदौरिया और राजपाल कश्यप को भी मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया जा सकता है। पवन पांडेय को राज्य मंत्री से स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री के रूप में प्रमोट किया जा सकता है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में चार और मंत्री जगह पा सकते हैं। क्योंकि मुख्यमंत्री सहित उनके मंत्रिमंडल में इस समय कुल 56 मंत्री हैं जिनमें मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अलावा 23 कैबिनेट मंत्री, 10 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 22 राज्यमंत्री शामिल हैं। यह माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव एक अंतिम फेरबदल करेंगे।

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