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लखनऊ: केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री रामशंकर कठेरिया अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। उन्होंने शिक्षा के भगवाकरण पर कहा कि देश के लिए जो अच्छा होगा, वह जरूर होगा। चाहे भगवाकरण हो या संघवाद हो। कुछ भी हो। ये सभी बातें कठेरिया ने रविवार को लखनऊ विश्वविद्यालय में शिवाजी के राजतिलक की 342वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित हिन्दी 'स्वराज दिवस समारोह' में कहीं। कठेरिया ने कहा, जो भी देश के हित में हो, जिससे देश संसार के सामने गर्व से खड़ा हो सके वह हमारे बच्चों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए और उसे बच्चों को पढ़ाया जाना चाहिए। मंत्री ने उत्तर प्रदेश में शिक्षा में पिछड़ेपन के लिए सत्ताधारी समाजवादी पार्टी पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर क्षेत्र में पिछड़ापन और शिक्षा में तो स्थिति शून्य है। मंत्री ने यह भी दावा किया कि कुछ लोगों की सहूलियत के लिए इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है, जो कि देश के लिए सबसे बड़ा दुर्भाग्य है। अगर लोग महाराणा प्रताप या शिवाजी के बारे में नहीं पढ़ेंगे तो क्या चंगेज खान के बारे में पढ़ेंगे। उन्होंने राष्ट्रीय नेताओं के त्याग को राजनीति के चश्मे से देखने को देश की बढ़ती हुई बीमारी बताते हुए कहा कि अंबेडकर को एक पार्टी या दलितों की निजी जायदाद समझ लिया गया है जबकि वास्तव में अंबेडकर देश के ही आदर्श नेता नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के नेता हैं।

स्वतंत्रता आंदोलन में नेताओं के योगदान को याद करते हुए कठेरिया ने कहा कि उन्होंने मानवता और देश के भलाई के लिए जीवन बिताया।

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