ताज़ा खबरें
महाकुंभ भगदड़ मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जनहित याचिका हुई दायर
महाकुंभ भगदड़: बंगाल के परिवारों का शव बिना मृत्यु प्रमाण पत्र के सौंपे
हमास ने 8 बंधक छोड़े, इजरायल ने फलस्तीनी कैदियों को नहीं किया रिहा
राहुल ने नाव में बैठकर पूछा-केजरीवाल जी, यमुना में डुबकी कब लगाएंगे
संसद का बजटसत्र रहेगा हंगामेदार, महाकुंभ भगदड़ का मुद्दा भी गूंजेगा

लखनऊ: अखिलेश सरकार ने कानपुर व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मेट्रो परियोजना को मंजूरी दे दी है। कानपुर व वाराणसी में मेट्रो रेल परियोजना का काम दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन (डीएमआरसी) मॉडल पर कराया जाएगा। परियोजना पर 50 फीसदी केंद्र व 50 फीसदी राज्य सरकार खर्च करेगी। राज्य सरकार अपनी हिस्सेदारी इक्विटी से भी एकत्र कर सकेगी। मेट्रों रेल परियोजना को गति देने के लिए विशेष प्रयोजन साधन (एसपीवी) गठन पर निर्णय मुख्यमंत्री करेंगे। कैबिनेट ने इसके लिए उन्हें अधिकृत किया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ। राज्य सरकार लखनऊ की तरह कानपुर, वाराणसी, मेरठ व आगरा में भी मेट्रो चलाना चाहती है। इन चारों शहरों में मेट्रो के लिए सर्वे का काम पूरा हो चुका है। मेट्रो के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने की जिम्मेदारी केंद्र की अनुभवी व विशेषज्ञ संस्था राइट्स को दी गई है। राज्य सरकार इन चारों शहरों में मेट्रो रेल परियोजना पर जल्द काम शुरू कराना चाहती है। कानपुर व वाराणसी मेट्रो रेल परियोजना के निर्माण, संचालन व अनुरक्षण के लिए भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय को जल्द प्रस्ताव भेजने का फैसला हुआ।

कानपुर व वाराणसी मेट्रो रेल परियोजना की विभिन्न गतिविधियों के प्रारंभिक नियोजन, अभिकल्प व आवश्यक सर्वेक्षण के लिए अंतरिम कंसलटेंट के रूप में लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन (एलएमआरसी) को नियुक्त करने का फैसला हुआ। एलएमआरसी कंसलटेंसी फीस का निर्धारण कानपुर व वाराणसी में मेट्रो सेल गठित होने के बाद एसपीवी आपसी सहमति के आधार पर करेगा। कानपुर में मेट्रो के लिए दो कॉरिडोर प्रस्तावित हैं। पहला आईआईटी से नौबस्ता व दूसरा चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय से बर्रा-8 तक। आईआईटी कानपुर से नौबस्ता तक की कुल दूरी 23.785 किलोमीटर होगी। इसमें 15.164 किमी एलिवेटेड व 8.621 किमी भूमिगत मेट्रो चलेगी। चंद्रशेखर आजाद कृषि विवि से बर्रा-8 तक की दूरी 8.600 किमी होगी। इसमें 4.190 एलिवेटेड व 4.410 भूमिगत मेट्रो चलेगी। वाराणसी में भी मेट्रो के लिए दो कॉरिडोर बनाए जाएंगे। पहला कॉरिडोर वाराणसी हिंदू विश्वविद्यालय गेट से बीएचईएल गेट तक तथा दूसरा बेनिया बाग से सारनाथ तक होगा। कॉरिडोर्स के संबंध में पूर्व में ही सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख