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लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने चुनावी गहमागहमी बढ़ने के बीच अचानक राजनीतिक सरगर्मियों का केन्द्र बने बुंदेलखंड के प्रति दरियादिली दिखाते हुए वित्त वर्ष 2016-17 के लिये पेश बजट में इस क्षेत्र की योजनाओं का बजट बढ़ाकर लगभग तीन गुना करीब 1400 करोड़ रुपये कर दिया। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधानसभा में प्रस्तुत बजट में बुंदेलखंड की विशेष योजनाओं के लिये निधि का आकार 71 करोड़ 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 200 करोड़ रुपये कर दिया है। अर्से से सूखे की मार झेल रहे बुंदेलखंड में पेयजल की विशेष व्यवस्था के लिये 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में ग्रामीण पेयजल योजना के लिये 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।

बुंदेलखंड की विशेष योजनाओं के लिये 338 करोड़ रुपये, टैंकर द्वारा पेयजल आपूर्ति के लिये दो करोड़ तथा तिलहन संयंत्र के लिये 15 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। बुंदेलखंड में उत्तर प्रदेश के सात जिले बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, झांसी, जालौन और ललितपुर शामिल हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गत 23 जनवरी को बुंदेलखंड में पदयात्रा करके इस क्षेत्र के विकास के लिये और धन खर्च किये जाने की जरूरत बतायी थी। इस दौरान उन्होंने केन्द्र की भाजपा और राज्य की सपा सरकार पर निशाना साधा था। जनगणना 2011 के अनुसार, एक करोड़ 83 लाख से ज्यादा आबादी वाला बुंदेलखंड अर्से से सूखे की समस्या से जूझ रहा है। पिछले साल इलाके में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से बची-खुची फसल भी नष्ट हो जाने से यहां के किसान बर्बाद हो चुके हैं। कई किसान आत्महत्या भी कर चुके हैं।

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