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लखनऊ: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को आवंटित बंगले में कथित रूप से गलत विलय और अंतरण मामले में अगली सुनवाई की तारीख आठ फरवरी नियत की है। न्यायाधीश सत्येन्द्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी की खण्डपीठ ने यह आदेश एम. एल. यादव नामक व्यक्ति द्वारा वर्ष 2013 में दायर की गयी एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। इस याचिका में मायावती को माल एवेन्यू में आवंटित बंगले के अंतरण और उसमें कई और बंगलों की जमीन शामिल किये जाने की सीबीआई जांच के आदेश देने का आग्रह किया गया है। पीठ ने केन्द्र तथा राज्य सरकार के वकीलों द्वारा पेश दलीलें सुनने के बाद इसमें कुछ और स्पष्टीकरण दिये जाने की जरूरत बताते हुए मामले की अगली सुनवाई की तारीख आठ फरवरी नियत की है।

इसके पूर्व, अदालत ने कल राजधानी में अन्य सरकारी बंगलों के विलय के संबंध में पूरक हलफनामा दाखिल करने के उत्तर प्रदेश सरकार के वकील के आग्रह पर अदालत ने अंतिम अवसर प्रदान किया था। अदालत ने याचिकाकर्ता को भी निर्देश दिया था कि वह और अनुसंधान कर पता लगाये कि लखनऊ में अन्य कितने बंगलों का उसी तरह विलय किया गया है, जिस तरह बसपा प्रमुख मायावती के बंगला आवंटन में हुआ। याचिकाकर्ता ने माल एवेन्यू स्थित बंगले के सभी दस्तावेज पेश करने का निर्देश दिये जाने का आग्रह अदालत से किया था। साथ ही अदालत से ये पूछने का आग्रह किया गया कि मायावती के नाम कथित रूप से बंगले का हस्तांतरण किस नियम के तहत किया गया।

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