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बेंगलुरु: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता डी के शिवकुमार ने शुक्रवार को दावा किया कि राज्यपाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दबाव में आकर 15 विधेयक लौटा दिये हैं।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने भाजपा के फायदे को ध्यान में रखकर फैसला लेने को लेकर राज्यपाल थावरचंद गहलोत पर निशाना भी साधा।

सदाशिवनगर में अपने निवास पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यदि राज्यपाल भाजपा के फायदे के आधार पर फैसला करते हैं तो हमें लोकतंत्र में सरकारों की क्या आवश्यकता है? यदि विधेयकों पर प्रश्न थे तो हम उनका उत्तर देने के लिए यहां हैं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह राज्यपाल को सद्बुद्धि दें।’’

राज्यपाल ने 16 अगस्त को मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण के भूखंड आवंटन ‘घोटाले’ के सिलसिले में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया पर मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी। तब से कांग्रेस विधायक मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के साथ एकजुट हैं और उन्होंने राज्यपाल के इस कदम की निंदा की है।

जब शिवकुमार से पूछा गया कि क्या सरकार को गिराने की कोशिश की जा रही है तो उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को गिराने के प्रयास सफल नहीं होंगे। हम इन प्रयासों को शांत बैठकर देखने वाले नहीं हैं, उन्हें रोकने के लिए जो भी जरूरी होगा, हम करेंगे।’’

उन्होंने कहा कि कर्नाटक की जनता ने पिछले साल विधानसभा चुनाव में 224 में 136 सीट कांग्रेस पार्टी को दी, लेकिन अब भाजपा एवं जनता दल (सेक्युलर) लोगों के लिए काम करने वाली कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की चेष्टा कर रहे हैं।

राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर के दिल्ली दौरे के बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने कहा, ‘‘उनके पास अपने विभाग और पार्टी का काम है। हम उनकी यात्रा के बारे में कैसे फैसला कर सकते हैं? हमें भी दिल्ली में काम है और इसलिए हम साथ जा रहे हैं।’’

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