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नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को दावा किया कि अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास तब ही हो गया था, जब राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री थे। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं।

राम के नाम पर राजनीति कर रहे हैं भाजपा और आरएसएस

कर्नाटक के निपानी में एक पब्लिक बैठक में बोलते हुए दिग्गज नेता शरद पवार ने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह किया जाएगा। पवार ने कहा, ‘‘राजीव गांधी के कार्यकाल में शिलान्यास (पहला पत्थर रखना) किया गया था, लेकिन आज भाजपा और आरएसएस की ओर से भगवान राम के नाम पर राजनीति की जा रही है।’’

प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से 11 दिनों का उपवास रखने पर पवार ने तंज कसते हुए कहा, ‘‘राम के प्रति उनकी श्रद्धा का मैं सम्मान करता हूं, अगर वह गरीबी मिटाने के लिए व्रत रखने का फैसला करते तो लोग उसकी सराहना करते।’’

18 जनवरी को गर्भगृह में स्थापित होगी मूर्ति

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान मंगलवार से आरंभ हो जाएगा और 21 जनवरी तक चलता रहेगा। रामलला की प्रतिमा 18 जनवरी को गर्भगृह में निर्धारित आसन पर स्थापित कर दी जाएगी। पिछले 70 वर्षों से पूजित वर्तमान प्रतिमा को भी नए मंदिर के गर्भगृह में ही रखा जाएगा। जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा समारोह का पूरा ब्योरा सार्वजनिक किया।

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