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तिरूवनंतपुरम: केरल में विपक्षी कांग्रेस-नीत यूडीएफ को बड़ा झटका देते हुए पूर्व वित्त मंत्री के एम मणि के नेतृत्व में केरल कांग्रेस (एम) ने गठबंधन से अपने तीन दशक से अधिक समय पुराने अपने संबंधों को तोड़ लिया। पार्टी ने विधानसभा में अलग समूह के रूप में बैठने का फैसला किया। इस संबंध में फैसला केसी-एम की दो दिवसीय महत्वपूर्ण बैठक में किया गया। यह बैठक आज पत्तनमथिट्टा जिले में चरलकुन्नू में समाप्त हुई। कांग्रेस के खिलाफ हमला करते हुए पार्टी प्रमुख मणि ने कहा कि कांग्रेस में कुछ नेताओं ने सोच-समझकर केसी-एम और खासतौर पर पार्टी के नेता को कमजोर करने का प्रयास किया। पार्टी के नेता पर भीषण हमला किया गया और कांग्रेस के कुछ नेताओं ने उन्हें अपमानित किया। 82 वर्षीय नेता ने कहा, ‘इसलिए, पार्टी ने यूडीएफ के साथ संबंध विच्छेद तोड़ने और विधानसभा में अलग समूह के रूप में बैठने और जिम्मेदार विपक्ष के तौर पर काम करने फैसला किया है।’ उन्होंने कहा, ‘हम यूडीएफ छोड़ रहे हैं।’ संसद में केसी (एम) कांग्रेस नीत संप्रग को मुद्दा आधारित समर्थन देगी। हालांकि, मणि ने कहा कि स्थानीय निकायों में यूडीएफ के साथ संबंध बरकरार रहेगा। मणि ने कहा कि यूडीएफ कमजोर हुई है क्योंकि गठबंधन की राजनीति में जिस राजनैतिक शिष्टता की जरूरत होती है, वो दिखाई नहीं गई है।

उन्होंने उम्मीद जताई कि केसी (एम) द्वारा अपनाया गया रख यूडीएफ में अन्य गठबंधन भागीदारों को भी आत्ममंथन में मदद करेगा।

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