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तिरूवनंतपुरम: कांग्रेस नेता रमेश चेन्नीथला रविवार को केरल कांग्रेस विधायक दल के नेता चुन लिये गए और वह केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता होंगे। इसकी घोषणा यहां कांग्रेस विधायक दल की कई घंटे चली बैठक के बाद की गई। इस बैठक में दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की प्रतिनिधि के तौर पर हिस्सा लिया। उन्होंने इसके साथ ही कांग्रेस के निर्वाचित सभी 22 विधायकों के साथ अलग-अलग बैठक की। शीला ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चेन्नीथला का चयन सर्वसम्मति से हुआ। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने निर्णय को मंजूरी दी। केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने कहा कि उन्होंने चेन्नीथला का नाम प्रस्तावित किया और तीन अन्य विधायकों ने उनका समर्थन किया। आईयूएमएल नेता पीके कुन्हालीकुट्टी सदन में यूडीएफ के उप नेता होंगे। 59 वर्षीय चेन्नीथला ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1970 के दशक में छात्र इकाई केएसयू के एक नेता के तौर पर की थी। वह केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष हैं और चांडी सरकार के दौरान उनके पास गृह प्रभार था।

चेन्नीथला ने 1986 में तत्कालीन करुणाकरन मंत्रालय में 28 वर्ष की आयु में मंत्री बनकर इतिहास रच दिया था। चेन्नीथला 1990 में राष्ट्रीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष भी बने थे और वह राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस का जानामाना चेहरा बन गए। कांग्रेस के संयुक्त सचिव बनने के बाद वह 2006-2014 के दौरान केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने। वह बाद में 01 जनवरी 2014 को ओमन चांडी नीत यूडीएफ सरकार में शामिल हो गए और गृह प्रभार संभाला। चेन्नीथला ने विश्वास जताया कि वह कांग्रेस के अतीत का गौरव लौटाने में सफल होंगे। वह 16 मई को हुए विधानसभा चुनाव में अपने गृह क्षेत्र हरिपद से चुनाव जीते हैं। कांग्रेस विधायक दल के नेता के तौर पर चेन्नीथला का चयन महत्व रखता है क्योंकि उन्होंने ओमन चांडी का स्थान लिया है। चांडी विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के मद्देनजर यह पद नहीं संभालना चाहते थे।

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