तिरूवनंतपुरम: केरल में माकपा की अगुवाई वाली नयी एलडीएफ सरकार 25 मई को शपथ ग्रहण करेगी। इस सरकार का नेतृत्व पार्टी नेता और पोलित ब्यूरो सदस्य पिनराई विजयन करेंगे। पार्टी के वरिष्ठ नेता वी एस अच्युतानंदन के आधिकारिक आवास पर उनके साथ संक्षिप्त बैठक के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए नामित विजयन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम लोगों ने 25 मई की शाम सेंट्रल स्टेडियम में कार्यक्रम केआयोजन की योजना बनायी है।’’ नयी सरकार के बारे में पूछे जाने पर विजयन ने कहा कि मंत्रिमंडल के गठन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए कल एलडीएफ की बैठक होगी। 92 वर्षीय अच्युतानंदन के साथ संक्षिप्त मुलाकात के बाद विजयन ने कहा, ‘‘अच्युतानंदन पार्टी के वे आखिरी नेता हैं, जिन्होंने मुख्यमंत्री पद संभाला है और जो अनुभवी हैं। इसलिए उनसे विभिन्न मुद्दों को समझना बहुत आवश्यक है।’’ माकपा ने कल अपने राज्य सेक्रेटेरियट और राज्य समिति की बैठक में विजयन को एलडीएफ का नया नेता चुना था। विजयन ने पार्टी के राज्य सचिव कोडियेरी बालकृष्णन के साथ निवर्तमान केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता अच्युतानंदन से केंटोनमेंट हाउस स्थित उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की और उन्हें सूचित किया कि एलडीएफ सरकार को 25 मई को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी। इस कार्यक्रम के लिए उन्होंने अच्युतानंदन को आमंत्रित किया।
समझा जाता है कि अच्युतानंदन ने उन्हें बताया कि आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के तत्काल प्रयास किए जाने चाहिए और नयी सरकार को महिलाओं की सुरक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब मीडिया में यह खबरें आ रही हैं कि बीते विधानसभा चुनावों में एलडीएफ के मुख्य प्रचारक अच्युतानंदन केरल का मुख्यमंत्री नामित नहीं किए जाने को लेकर कथित रूप से नाखुश हैं। इस तरह की रपटों को खारिज करने की दिशा में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कल प्रेस से मुलाकात की थी। पार्टी ने अच्युतानंदन को संतुष्ट करने के एक प्रयास के तहत कल उनकी तुलना फिडेल कास्त्रो से की थी और कहा था कि वह इस वाम मोर्चे का मार्गदर्शन करना जारी रखेंगे। राजनीतिक टिप्पणीकार एन.एम. पियर्सन ने कहा कि अच्युतानंदन, पिनराई विजयन के मार्गदर्शक हैं और इस मुलाकात को विजयन द्वारा अपने मार्गदर्शक से आर्शीवाद लेने के तौर पर देखने की जरूरत है। विजयन ने निवर्तमान मुख्यमंत्री ओमन चांडी से भी मुलाकात की। 19 मई को घोषित हुए परिणाम में एलडीएफ ने 140 विधानसभा सीटों में से 92 पर जीत दर्ज की थी।