कोडुंगलूर (केरल): राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज (शनिवार) कहा कि भारत फिर से अंतरराष्ट्रीय व्यापार का बड़ा केंद्र और सागर परिवहन क्षेत्र की बड़ी ताकत बनना चाहता है। मुखर्जी यहां एक विरासत संरक्षण परियोजना का उद्घाटन कर रहे थे। यह देश में अपने किस्म की सबसे बड़ी परियोजना है। मुजीरिस विरासत परियोजना केरल पर्यटन विभाग की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसे केंद्रीय पर्यटन विभाग के सहयोग से शुरू किया गया है। इसके तहत केरल में ऐतिहासिक महत्व के स्थलों, संग्रहालयों, उपासनास्थलों और पुरातात्विक स्मारकों को संरक्षित किया जाएगा। राष्ट्रपति ने इस परियोजना को विरासत संरक्षण और पर्यटन प्रोत्साहन की दृष्टि से कई मायनों में एक सराहनीय पहल बताया। मुखर्जी ने कहा, ‘मुजीरिस विरासत परियोजना देश में विरासत संरक्षण की सबसे बड़ी और केरल की पहली हरित परियोजना है और इसके कई अंग ऐसे है जिन पर गर्व किया जा सकता है।’
उन्होंने कहा कि इस परियोजना के अगले चरण को ‘मसाला मार्ग पहल’ का नाम दिया गया है। इसके तहत केरल के मालाबार तट के साथ दुनिया के अन्य हिस्सों के साथ सामुद्रिक संपर्कों के इतिहास की खोज की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे समय जबकि ‘‘भारत फिर से अंतरराष्ट्रीय व्यापार और सामुद्रिक परिवहन क्षेत्र की एक बड़ी ताकत बनने के लिए गंभीरता से लगा है, मसाला मार्ग पहल एक महत्वपूर्ण पहल होने के साथ साथ एक सामयिक प्रयास है।’ मसाला मार्ग पहल के तहत एशिया और यूरोप के 41 देशों के साथ सम्पर्क स्थापित किये जाएंगे।