रायपुर: छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजित जोगी का निधन हो गया है। उनके बेटे अमित जोगी ने ट्विटर पर यह जानकारी दी है। जानकारी के मुताबिक 74 साल के जोगी को दिल का दौरा पड़ा था जिसके बाद उन्हें रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां शुक्रवार की दोपहर उनका निधन हो गया। अमित जोगी ने ट्वीट किया, '20 वर्षीय युवा छत्तीसगढ़ राज्य के सिर से आज उसके पिता का साया उठ गया। केवल मैंने ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ ने अपना पिता खोया है। अजित जोगी ढाई करोड़ लोगों के अपने परिवार को छोड़ कर ईश्वर के पास चले गए। गांव-गरीब का सहारा, छत्तीसगढ़ का दुलारा, हमसे बहुत दूर चला गया।' अमित जोगी ने कहा वेदना की इस घड़ी में मैं निशब्द हूं। परम पिता परमेश्वरम उनकी आत्मा को शांति और हम सबको शक्ति दे। उनका अंतिम संस्कार उनकी जन्मभूमि गौरेला में कल होगा।
जोगी को पहला दिल का दौरा घर पर आया था जिसके बाद नौ मई को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद से ही उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। दूसरा दिल का दौरा उन्हें बुधवार की रात को पड़ा था।
नौकरशाह से राजनेता बने जोगी छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री थे। वह नवंबर 2000 से नवंबर 2003 तक तत्कालीन कांग्रेस सरकार में राज्य के मुख्यमंत्री रहे। हालांकि, साल 2016 में जोगी ने कांग्रेस से रास्ते अलग कर लिए थे। बाद में उन्होंने कांग्रेस छोड़ कर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ पार्टी बनाई थी।
छत्तीसगढ़ में तीन दिन का राजकीय शोक
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में तीन दिन के राजकीय अवकाश की घोषणा की है। उन्होंने ट्वीट किया, राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी का निधन छत्तीसगढ़ प्रदेश के लिए एक बड़ी राजनीतिक क्षति है। राज्य में आज से तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया जाता है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और इस दौरान कोई भी शासकीय समारोह आयोजित नहीं किए जाएंगे। स्वर्गीय जोगी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा।
वहीं, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने ट्वीट किया, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के दुखद निधन का समाचार प्राप्त हुआ। वे पिछले कुछ समय से अस्वस्थ थे। परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान व परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करे।
कलेक्टर की नौकरी छोड़ राजनीति में आए थे
जोगी ने अपने करियर की शुरुआत मध्यप्रदेश में बतौर कलेक्टर की थी। इसी दौरान वह तत्कालीन प्रधाननमंत्री राजीव गांधी के संपर्क में आए थे और साल 1986 के आसपास वह कांग्रेस से जुड़ गए और नौकरशाही छोड़ सक्रिय राजनीति में आ गए थे। साल 1986 से 1998 तक राज्यसभा के सदस्य रहे जोगी 1998 में रायगढ़ से लोकसभा सांसद चुने गए थे। साल 2000 में जब छत्तीसगढ़ अलग राज्य बना तो वहां कांग्रेस का बहुमत था और कांग्रेस ने बिना देरी किए जोगी को मुख्यमंत्री बना दिया। वह 2003 तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे।
एक समय में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का चेहरा माने जाने वाले अजित जोगी ने साल 2016 में कांग्रेस से बगावत करते हुए अपनी अलग पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ का गठन किया। साल 2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हराने के लिए जोगी ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से हाथ मिलाया। हालांकि, उनके गठबंधन को महज सात सीटें मिली थीं।