हैदराबाद: हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के दलित शोधार्थी रोहित वेमुला के खुदकुशी करने के विरोध में भूख हड़ताल पर बैठे सात में से छह छात्रों को स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराए जाने के बीच आंदोलनकारियों ने बुधवार को संस्थान के अंतरिम प्रमुख के आवास तक मार्च निकाला। राष्ट्रव्यापी विश्वविद्यालय हड़ताल का आह्वान करने वाले छात्रों ने संस्थान के अंतरिम प्रमुख के आवास तक मार्च निकाला और फिर परिसर से बाहर आकर कुलपति का पुतला फूंका, जिनको हटाए जाने की वे मांग कर रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी रविंद्र कुमार ने कहा कि छह (छात्रों) को कल (स्वास्थ्य केंद्र) ले जाया गया है। एक छात्र की भूख हड़ताल जारी है, जो उसने तीन दिन पहले शुरू की थी, जब भूख हड़ताल पर बैठे उनके सात साथियों को वहां से हटाकर स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था। छात्रों ने पहले स्टाफ क्वार्टर्स में कार्यवाहक कुलपति विपिन श्रीवास्तव के आवास तक मार्च निकाला। पिछले हफ्ते प्रदर्शन के जोर पकड़ने के बीच कुलपति अप्पा राव छुट्टी पर चले गए थे, जिसके बाद श्रीवास्तव को संस्थान का अंतरिम प्रमुख बनाया गया था।
श्रीवास्तव को संस्थान का अंतरिम प्रमुख बनाए जाने पर छात्रों और एसटी/एसटी स्टाफ फोरम ने सख्त एजराज जताया है। उनका आरोप है कि वह कार्यकारी परिषद् की उप समिति के अध्यक्ष हैं, जिसका फैसला रोहित की मौत के लिए जिम्मेदार है और साथ ही वह 2008 में एक अन्य दलित छात्र की मौत के मामले के आरोपियों में से एक है। श्रीवास्तव ने परिसर में सामान्य स्थिति बाहल करने के लिए कल छात्रों से फिर अपील की थी। इस बीच, एससी और एसटी शिक्षक फोरम ने आज कहा कि रोहित की आत्महत्या की घटना के विरोध में और कुलपति तथा संस्थान के अंतरिम प्रमुख के इस्तीफे की मांग को लेकर कल भूख हड़ताल करेंगे। फोरम ने एचसीयू के कुलसचिव :रजिस्ट्रार: को भेजे एक नोटिस में कहा है कि एससी/एसटी शिक्षक कुलपति पी अप्पा राव और निवर्तमान कुलपति प्रोफेसर विपिन श्रीवास्तव के इस्तीफे की मांग को लेकर कल भूख हड़ताल करेंगे ताकि विश्वविद्यालय में अकादमिक और प्रशासनिक कामकाज शुरू हो सके। फोरम के कई सदस्यों ने आंदोलनकारी छात्रों से एकजुटता का प्रदर्शन करने के लिए अपनी प्रशासनिक जिम्मेदारियां त्याग दी थीं। गौरतलब है कि 17 जनवरी को रोहित एचसीयू के परिसर के छात्रावास के कमरे में फंदे से झूलात मिला था, जिसके बाद परिसर और समूचे देश से तीखी प्रतिक्रियाएं आई थीं। रोहित और चार अन्य दलित छात्रों को पिछले साल विश्वविद्यालय ने एबीवीपी नेता पर कथित हमले को लेकर निलंबित कर दिया था। मामले के गंभीर रूख अख्तियार करने और राजनीतिक विवाद का रूप ले लेने के चलते चार छात्रों का निलंबन पिछले हफ्ते वापस ले लिया गया।