हैदराबाद: तेलंगाना की 119 विधानसभा सीटों के लिए गुरुवार (30 नवंबर) को मतदान होगा। वोटिंग सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होगी। वोटिंग के लिए 35,655 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। 3 करोड़ 26 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे।
तेलंगाना चुनाव में कुल 2290 उम्मीदवार मैदान में हैं। बीआरएस 2014 में शुरू हुई अपनी जीत के सिलसिले को आगे भी कायम रखने को लेकर उत्सुक है, जबकि कांग्रेस भी सत्ता पर काबिज होने के लिए संघर्ष कर रही है। वहीं, बीजेपी इस दक्षिण राज्य में एंट्री करने में कोई कसर बाकी नहीं रखना चाहती।
तेलंगाना के 106 निर्वाचन क्षेत्रों में गुरुवार सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक और 13 वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित निर्वाचन क्षेत्रों में सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान होगा। चुनाव में 2,290 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव, उनके मंत्री-बेटे केटी रामाराव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ए. रेवंत रेड्डी और बीजेपी के लोकसभा सदस्य बी. संजय कुमार और डी अरविंद शामिल हैं।
तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति ने सभी 119 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। बीजेपी सीट बंटवारे के समझौते के मुताबिक 111 सीटों पर लड़ रही है। बाकी 8 सीटें एक्टर पवन कल्याण की अगुवाई वाली जन सेना के लिए छोड़ी गई है।
कांग्रेस ने अपनी सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) को एक सीट दी है। कांग्रेस खुद 118 सीट पर लड़ रही है।
असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) ने हैदराबाद शहर के 9 निर्वाचन क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव दो निर्वाचन क्षेत्रों गजवेल और कामारेड्डी में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वह निवर्तमान विधान सभा में गजवेल का प्रतिनिधित्व करते हैं।
कामारेड्डी और गजवेल में रोमांचक मुकाबले देखने को मिल रहा है। कांग्रेस ने कामारेड्डी में मुख्यमंत्री का मुकाबला करने के लिए अपने प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी को मैदान में उतारा है। वहीं, बीजेपी उम्मीदवार वेंकट रमण रेड्डी भी मजबूत माने जा रहे हैं।
गजवेल में बीजेपी ने मुख्यमंत्री राव के खिलाफ अपने चुनाव अभियान अध्यक्ष एटाला राजेंद्र को मैदान में उतारा है। लोकसभा सदस्य रेवंत रेड्डी कोडंगल से भी चुनाव लड़ रहे हैं, जिसका उन्होंने पहले प्रतिनिधित्व किया था।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी विकास राज ने कहा है कि विधानसभा चुनाव के लिए 2.5 लाख से अधिक कर्मचारियों को ड्यूटी पर लगाया गया है। वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।
तेलंगाना में पहली बार दिव्यांगों और 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं को घर पर मतदान की सुविधा मिलेगी। निर्वाचन आयोग ने आईटी कंपनियों सहित सभी निजी प्रतिष्ठानों को 30 नवंबर को छुट्टी घोषित करने का आदेश दिया है।