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अगरतला: त्रिपुरा में अगरतला नगर निगम और अन्य नगर निकायों की 222 से अधिक सीटों के लिए आज वोटों की गिनती जारी है। मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू हो गई है। अगरतला नगर निगम (एएमसी) और 19 अन्य नगर निकायों के नगर परिषदों और नगर पंचायतों के लिए भी वोटों की गिनती शुरू हो गई है। त्रिपुरा नगर निगम चुनाव में कुल 785 उम्मीदवारों की किस्मत का आज फैसला आने वाला है। मुख्य मुकाबला भाजपा, टीएमसी और माकपा के बीच है।

राज्य चुनाव आयोग के अनुसार अगरतला नगर निगम में भाजपा ने 51 वार्डों में से 29 वार्डों पर जीत के साथ बहुमत हासिल कर लिया है।

त्रिपुरा राज्य चुनाव आयोग के मुताबिक, अंबासा, जिरानिया, तेलियामुरा और सबरूम में भाजपा आगे चल रही है। 2018 में त्रिपुरा में सत्ता में आने के बाद भाजपा पहली बार निकाय चुनाव लड़ रही है। शहरी स्थानीय निकायों में कुल 334 सीटें हैं, एएमपी के 51 वार्ड, 13 नगरपालिका परिषद और छह नगर पंचायत शामिल हैं।

मुख्यमंत्री बिप्लब देब के नेतृत्व में भाजपा ने सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं और पहले ही एएमसी और 19 शहरी स्थानीय निकायों की 334 सीटों में से 112 पर निर्विरोध जीत हासिल कर ली है।

बाकी बची 222 सीटों पर 36 के नामांकन वापस लेने के बाद करीब 785 उम्मीदवार मैदान में हैं। चुनाव मुख्य रूप से भाजपा, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), या सीपीआई (एम) के बीच लड़ा गया है।

तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर धांधली का आरोप लगाते हुए मांग की है कि चुनावों को अवैध घोषित किया जाना चाहिए। माकपा ने भी एएमसी के पांच वार्डों में चुनाव रद्द करने की मांग की है।

भाजपा प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं से अनुशासन बनाए रखने को कहा है। भट्टाचार्य ने एक बयान में कहा, 'परिणामों की घोषणा के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को संगठनात्मक परंपरा का पालन करने के लिए कहा गया था।'

पूरे राज्य में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त हैं। त्रिपुरा स्टेट राइफल्स और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के हजारों जवानों को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया है, जहां मतगणना केंद्र स्थित हैं।

त्रिपुरा में चुनाव के दौरान कई हिंसक घटनाएं देखने को मिली हैं। जहां, टीएमसी 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में पैर जमाने की कोशिश कर रही है।

त्रिपुरा में चुनाव प्रचार कर रही तृणमूल कांग्रेस की नेता सयोनी घोष को 22 नवंबर को गिरफ्तार किया गया और उन पर हत्या के प्रयास का आरोप लगाया गया। एक दिन बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।

इस सप्ताह की शुरुआत में मतदान के दिन विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ता मोटरसाइकिल पर घूम रहे हैं और उनके उम्मीदवारों को धमका रहे हैं। माकपा और तृणमूल कांग्रेस ने भी आरोप लगाया कि सभी मतदाताओं को मतदान केंद्रों में प्रवेश नहीं करने दिया गया।

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