नई दिल्ली: त्रिपुरा की भाजपा सरकार मुश्किलों में घिर गई है। पार्टी के कई विधायकों ने मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के खिलाफ बगावत कर दी है। तानाशाही, अनुभव की कमी और लोकप्रियता में अभाव जैसे आरोप लगाकर इन विधायकों ने मुख्यमंत्री को हटाने की मांग रखी है। कम से कम सात विधायक राजधानी दिल्ली पहुंचे हैं और राष्ट्रीय नेतृत्व से मुलाकात करना चाहते हैं।
सुदीप रॉय बर्मन की अगुआई में दिल्ली आए सात विधायकों का दावा है कि कम से कम दो और विधायक उनके साथ हैं। त्रिपुरा विधानसभा की कुल 60 सीटों में 36 विधायक भाजपा के हैं। आईपीएफटी के 8 एमएलए भी भाजपा सरकार को समर्थन दे रहे हैं।
बर्मन के अलावा दिल्ली में जो विधायक कैंप कर रहे हैं वे हैं, सुशांता चौधरी, आशीष शाहा, आशीष दास, दिवा चंद्र रनखल , बर्ब मोहन त्रिपुरा, परिमल देब बर्मा और राम प्रसाद पल। चौधरी ने कहा है कि बिरेंद्र किशोर देब बर्मन और बिप्लब घोष भी उनके साथ हैं। लेकिन ये कोरोना संक्रमित होने की वजह से दिल्ली नहीं आ पाए हैं।
देब के नजदीकी और त्रिपुरा के भाजपा नेता कहते हैं कि राज्य सरकार के लिए कोई खतरा नहीं है। त्रिपुरा भाजपा प्रेजिडेंट मानिक शाह ने कहा कि सरकार पूरी तरह सुरक्षित है, मैं भरोसा दे सकता हूं कि सात या आठ विधायक सरकार नहीं गिरा सकते हैं। इन विधायकों ने पार्टी के भीतर कोई शिकायत नहीं रखी है।