कोहिमा: नागालैंड की आवाम एक सच्चे और ईमानदार पुलिस अफसर के लिए बड़ा आंदोलन कर रही है। दरअसल, वे लोग नागालैंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रुपिन शर्मा के संभावित तबादले को लेकर अपना गुस्सा आंदोलन के तौर पर निकाल रहे हैं। इसके साथ ही नागालैंड के लोग राज्य में कई जगहों पर रुपिन शर्मा के लिए हस्ताक्षर अभियान भी चला रहे हैं।
आपको बता दें, रुपिन शर्मा ने मात्र 50 साल की उम्र में 24 नवंबर 2017 को नगालैंड के डीजीपी का पदभार संभाला था। ये वही अफसर हैं जिन्होंने सबसे कम उम्र में डीजीपी का पदभार ग्रहण किया था। 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी रुपिन शर्मा हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के रहने वाले हैं। खबरों के मुताबिक, उन्हें कई बार उग्रवादियों द्वारा जान से मारने की धमकी भी मिल चुकी है।
सीएम ने की थी ट्रांसफर की मांग
नागालैंड के सीएम नेफ्यू रियो ने अप्रैल में गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर रुपिन शर्मा के ट्रांसफर की मांग की थी। इसमें उन्होंने लिखा था कि रुपिन का अनुभव सिर्फ 26 साल का है और उन्होंने राज्य में बहुत कम समय तक काम किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में डीजीपी बनने के लिए 30 साल का अनुभव जरूरी है लेकिन बीते समय में नागालैंड में महज 28 साल का अनुभव ही माना गया है। सूत्रों के मुताबिक, रुपिन के स्थान पर जिस आईपीएस अधिकारी को लाने की बात की जा रही है, वह 1991 बैच के हैं।
अपने डीजीपी को बहुत पसंद करते हैं नागालैंड के लोग
नागालैंड के लोग रुपिन शर्मा के आने के बाद से स्थानीय लोगों के साथ पुलिस के रवैये से बहुत खुश हैं। अपने डीजीपी के लिए वहां की आवाम का सड़कों पर उतरना इस बात को साफ भी कर देता है। हालांकि, विपक्ष का आरोप है कि डीजीपी रुपिन शर्मा के चार्ज संभालने के बाद से गलत तरीके से होने वाली भर्तियों पर रोक लगी है। इसीलिए सत्ता पर काबिज लोगों को वह रास नहीं आ रहे हैं और इस हद तक उनके ट्रांसफर की कोशिश की जा रही है।