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नई दिल्ली: जलियांवाला बाग शनिवार को आम जनता के लिए खोल दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका वर्चुअल उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जलियांवाला बाग जैसी ही एक और विभीषिका हमने भारत विभाजन के समय भी देखी है। पंजाब के परिश्रमी और जिंदादिल लोग तो विभाजन के बहुत बड़े भुक्तभोगी रहे हैं। विभाजन के समय जो कुछ हुआ, उसकी पीड़ा आज भी हिंदुस्तान के हर कोने में और विशेषकर पंजाब के परिवारों में हम अनुभव करते हैं। किसी भी देश के लिए अपने अतीत की ऐसी विभीषिकाओं को नजरअंदाज करना सही नहीं है। इसलिए भारत ने 14 अगस्त को हर वर्ष ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा कि 13 अप्रैल 1919 के वो 10 मिनट, हमारी आजादी की लड़ाई की वो सत्यगाथा बन गए, जिसके कारण आज हम आज़ादी का अमृत महोत्सव मना पा रहे हैं। ऐसे में आजादी के 75वें वर्ष में जलियांवाला बाग स्मारक का आधुनिक रूप देश को मिलना, हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा का अवसर है।

14 अगस्त को किया था एलान
इससे पहले स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले यानी 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाए जाने का एलान पीएम मोदी ने किया था। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लिए जान गंवाने वाले शूरवीरों को याद किया था और ट्वीट किया था, "देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी।''

पीएम मोदी ने अगले ट्वीट में लिखा कि यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी।

 

 

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