ताज़ा खबरें
बांग्लादेश सीमा पर हिंसक झड़प, पत्थरबाजी में बीएसएफ जवान हुआ घायल
नई दिल्ली क्षेत्र में पंजाब पुलिस के जवान कर रहे हैं प्रचार: संदीप दीक्षित
हमारी विचारधारा बीजेपी-आरएसएस की तरह कायरों की नहीं: प्रियंका गांधी
झारखंड:सरकारी कर्मचारी का गंभीर बीमारी में 10 लाख तक फ्री इलाज

पटना (जनादेश ब्यूरो): लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शनिवार को पटना में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर निशाना साधते हुए कहा कि वह भारत की हर संस्था से डॉ. बीआर अंबेडकर, भगवान बुद्ध, महात्मा गांधी की विचारधारा को मिटा रहे हैं। राहुल गांधी यहां संविधान सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेने आए थे।

बापू सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आसएसएस प्रमुख मोहन भागवत कह रहे हैं कि भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी नहीं मिली, तो वे भारत के संविधान को खारिज कर रहे हैं। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भारत की हर संस्था से डॉ. बीआर अंबेडकर, भगवान बुद्ध, महात्मा गांधी की विचारधारा को मिटा रहे हैं।

संविधान देश के लाखों करोड़ों लोगों की आवाज: राहुल गांधी

कांग्रेस सांसद ने कहा कि हमारा संविधान सिर्फ एक किताब नहीं है, बल्कि यह देश के लाखों करोड़ों लोगों की आवाज है। राहुल ने कहा, "भागवत कहते हैं, आजादी 15 अगस्त, 1947 को नहीं बल्कि उसके बाद में मिली।"

उन्होंने कहा, "अगर वो ऐसा कहते हैं तो वो इसे (संविधान) नकार रहे हैं। वो सोशल स्ट्रक्चर से मिटा रहे हैं। कहां लिखा है इस संविधान में कि हिंदुस्तान का पूरा धन दो तीन लोगों के हाथ में जाना चाहिए।"

राहुल गांधी ने कहा कि जब वह इस कार्यक्रम के लिए आ रहे थे तो उन्होंने गंगा नदी की ओर देखा और कहा कि इसका पानी हर जगह पर है। जैसे गंगा का पानी सब जगह जाता है, वैसे ही संविधान की सोच हर व्यक्ति और संस्था के अंदर गंगा के पानी की तरह जाए।

राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, "बीजेपी और मोदी सरकार इस संविधान को उठाकर फेंकना चाहती थी, लेकिन जनता ने उन्हें बताया कि अगर आपने इसे अपने सर पर नहीं रखा तो हम आपको फेंक देंगे। इसके बाद मोदी चुनाव बाद आए और इसको मत्था टेका और चले गए। आज के हिंदुस्तान में एक सांसद के पास पावर नहीं है। मैं मिलता हूं बीजेपी के दलित सांसद से, वह कहते हैं कि हमें पिंजरे में बांध कर यहां कैद कर रखा है।”

राहुल गांधी ने कहा, "कंपनियों के मैनेजमेंट की लिस्ट निकालो, उसमें एक पिछड़े या दलित का नाम दिखा दो। मीडिया में एंकर और मालिक की लिस्ट निकालिए और एक का नाम दिखा दीजिए। फिर मैंने लिस्ट निकाली एक भी दलित पिछड़े लोग नहीं दिखे।” राहुल बोले, “भागीदारी में पिछड़ों की आबादी 50 फीसदी है. कोई जानता नहीं है। दलितों की 15 फीसदी और आदिवासी की 8 फीसदी है। तकरीबन 90 फीसदी हैं जो हैं। हिंदुस्तान की सरकार 100 रुपये बांटती है तो बजट में भागीदारी 5 फीसदी है।"

राहुल गांधी ने पटना में भी जातीय जनगणना का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि हमें झूठ वाली जनगणना नहीं चाहिए। जातीय जनगणना के आधार पर पॉलिसी बननी चाहिए। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना से पता चलेगा कि किसकी कितनी आबादी है और कितनी भागीदारी है। बिना जातीय जनगणना विकास की बात नहीं की जा सकती है। चाहे कुछ भी हो जाये कांग्रेस पार्टी इसी लोकसभा में जातीय जनगणना कराएगी। लड़ाई संविधान और मनुवाद के बीच में है। जितना नुकसान हो मुझे फर्क नहीं पड़ता मैं ये काम ज़रूर करूंगा।

 

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख