नई दिल्ली: मणिपुर में जेडीयू के 6 में से 5 विधायक भाजपा में शामिल हो गए। इसकी जानकारी शुक्रवार को जेडीयू ने दी। पार्टी सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार मणिपुर में जेडीयू के विधायक ने पार्टी छोड़ने और बीजेपी में शामिल होने का फैसला बीते दिनों बिहार में हुए राजनीतिक घटनाक्रम को ध्यान में रखकर किया है। सूत्रों के अनुसार ये विधायक बिहार में पार्टी के एनडीए गठबंधन से बाहर आने के फैसले से नाराज चल रहे थे। खास बात ये है कि मणिपुर में जेडीयू के विधायकों ने बीजेपी में शामिल होने का ये फैसला नीतीश कुमार के उस ऐलान के बाद किया है जिसमें उन्होंने मणिपुर में बीजेपी सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की बात कही थी।
बता दें कि नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) ने कुछ दिन पहले ही मणिपुर में भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने की बात कही थी। हालांकि बीजेपी सूत्रों ने कहा था कि इससे बीरेन सिंह सरकार को कोई खतरा नहीं है। वर्तमान में, 60 सीटों वाली विधानसभा में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को 55 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इसमें जदयू के छह सदस्य शामिल हैं।
यहां अगर पार्टी समर्थन वापस ले भी लेती है, तो यह सत्तारूढ़ गठबंधन की संख्या 48 होगी, जो बहुमत का आंकड़ा 31 से काफी ऊपर है।
कहा जा रहा था कि पार्टी की मणिपुर इकाई की जदयू के राष्ट्रीय नेताओं के साथ आगामी 3-4 सितंबर को पटना में होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान एक महत्वपूर्ण बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है।
इस साल की शुरुआत में हुए राज्य चुनावों में भाजपा और जद (यू) गठबंधन में नहीं थे। मणिपुर इकाई के सूत्रों ने बताया था कि चुनावों के बाद जदयू के सात विधायकों ने बीरेन सिंह सरकार को समर्थन दिया था, क्योंकि पार्टी एनडीए का हिस्सा थी। सूत्रों ने बताया कि जद (यू) की मणिपुर इकाई ने 10 अगस्त को हुई राज्य कार्यकारिणी की पिछली बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की थी।