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पुणे: एफटीआईआई के निदेशक कार्यालय को जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के अप्रैल के संभावित दौरे के सिलसिले में शनिवार शाम कुछ संदिग्ध विस्फोटक पदार्थों से भरा एक लिफाफा, एक डेटोनेटर और धमकी भरा एक पत्र मिला। लिफाफा पर भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान के पूर्व निदेशक प्रशांत पथराबे का पता अंकित था। संस्थान के वर्तमान निदेशक भुपेन्द्र कैंथोला ने कहा, ‘मेरे कार्यालय ने साढ़े पांच बजे यह लिफाफा प्राप्त किया और चूंकि इसके भीतर का सामान संदिग्ध था इसलिए हम लोगों ने पुलिस को सूचित कर दिया।’ डेक्कन पुलिस थाने की वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर सुषमा चव्हाण ने कहा कि पार्सल में एक डेटोनेटर और सफेद पाउडर था, जिसके विस्फोटक सामग्री होने का संदेह है। इसमें एक पत्र भी है जिसमें कुमार को एफटीआईआई के दौरे की अनुमति देने के खिलाफ निदेशक को चेताया गया है।’ पुलिस को संदेह है कि पैकेट को कुमार के 24 अप्रैल के पुणे दौरे से पहले भेजा गया होगा, जब पथराबे संस्थान के निदेशक थे। उस दिन पुणे में एक सभा को संबोधित करने वाले कुमार को रिपोर्टों के अनुसार एफटीआईआई भी जाना था लेकिन वह वहां नहीं गये।

उस्मानाबाद: महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने राज्य में सूखे की समस्या को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा है। राज्य में सूखे के ‘दयनीय’ हालात को लेकर सरकार के रूख को लेकर प्रहार करते हुए चव्हाण ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उचित जवाब नहीं मिला।’’ फडणवीस का आज प्रधानमंत्री से मिलने कार्यक्रम है। चव्हाण ने कहा कि प्रधानमंत्री को राज्य का दौरा करना चाहिए और सूखे की समस्या खुद देखनी चाहिए तथा किसानों के कष्ट के समाधान करना चाहिए।

मुंबई: बीफ यानी गोमांस को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला दिया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र में गाय के वध पर प्रतिबंध के राज्य सरकार के निर्णय को बरकरार रखा। बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र के बाहर से लाए गए बीफ को रखने का अपराधीकरण करने वाले महाराष्ट्र पशु संरक्षण (संशोधन) कानून के अनुच्छेद को रद्द किया। बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महत्‍वपूर्ण आदेश में कहा है कि महाराष्ट्र में बीफ रखना अब जुर्म नहीं है और इस पर सजा नहीं होगी। कोर्ट ने कहा कि राज्य में गोहत्‍या अब भी गैरकानूनी है, लेकिन बाहर से बीफ मंगा सकते हैं। यानी बाहर से बीफ मंगाना अपराध नहीं है। गौर हो कि महाराष्ट्र गोहत्या अभी भी अपराध घोषित है। गौर हो कि इससे पहले जनवरी में बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र में बीफ पर विस्तृत पाबंदी लगाने वाले कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली अर्जियों पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। राष्ट्रपति ने पिछले साल फरवरी में महाराष्ट्र पशु संरक्षण (संशोधन) कानून 1976 को मंजूरी दी थी। वर्ष 1976 के वास्तविक कानून में गौकशी यानी गोवध पर पाबंदी लगाई गई थी जबकि संशोधित कानून में सांडों के वध के साथ बीफ रखने तथा खाने पर भी रोक लगा दी गई।

मुम्बई: मोदी सरकार के यह कहने पर कि कश्मीरी नेताओं के किसी भी देश के प्रतिनिधियों से मुलाकात पर कोई रोक नहीं हैं, उस पर हमला बोलते हुए शिवसेना ने आज (बुधवार) कहा कि भाजपा सरकार ने अलगाववादियों को पाकिस्तान से बातचीत करने की ‘रियायत’ दी है और वह गिरगिट से भी ज्यादा तेजी से रंग बदल रही है। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगी ने यह भी कहा, ‘हुर्रियत पर केंद्र का रूख परिवर्तन अयोध्या में राममंदिर को बाबरी मस्जिद कहने जैसा है।’ उसने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा, ‘हुर्रियत कांफ्रेंस अब पाकिस्तान के साथ कश्मीर के बारे में चर्चा करने जा रही है और केंद्र सरकार ने उसे यह रियायत दी है। कल कश्मीर पर मसूद अजहर, दाउद इब्राहिम और (जकीउर रहमान) लखवी के साथ बात होगी।’ उसने लिखा है, ‘जब रंग गिरगिट से भी ज्यादा तेजी से बदले जाते है तो लोग सोच में पड़ जाते हैं कि कैसे वे (मोदी सरकार) ऐसा कर लेते हैं। यदि कांग्रेस ने हुर्रियत और कश्मीर मुद्दों पर ऐसा किया होता तो भाजपा और संघ परिवार ने उसे पाकिस्तान का एजेंड करार दिया होता।’ शिवसेना ने संपादकीय में कहा, ‘तब कांग्रेस से कहा गया होता कि वह देश को बेच रही है और मांग की गयी होती कि ऐसे देशद्रोही को सत्ता से बेदखल किया जाए।’ मुखपत्र में कहा गया है, ‘कल तक ही, मोदी सरकार कह रही थी कि वह पाकिस्तान के साथ कश्मीर छोड़ सभी चीजों पर चर्चा करेगी। अब रूख बदल गया है और उसने कमजोर रूख अपना लिया है जो पिछली कांग्रेस सरकार ने भी नहीं किया।’

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