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मुंबई: भूमाता ब्रिगेड की अध्यक्ष तृप्ति‍ देसाई भारी विरोध और पुलिस पहरे के बीच हाजी अली दरगाह में अपनी महिला साथियों के साथ प्रवेश करने को लेकर अड़ी हुई हैं। उनका कहना है कि वह महिलाओं के लिए समान अधिकार की मांग कर रही हैं। हमें जल्दबाजी नहीं है यह मामला साल 20012 से न्यायालय में विचाराधिन है। तृप्ति देसाई ने एएनआई से कहा कि आज उनके आंदोलन का पहला दिन है और हम उस जगह तक जाएंगे जहां तक महिलाओं को प्रवेश का अधिकार है। वहां जाकर इबादत करेंगे। गौर हो कि अपने पहले प्रयास के दौरान तृप्ति देसाई को मुंबई पुलिस ने हाजी अली दरगाह के प्रवेश गेट पर कार से उतरने की अनुमति नहीं दी थी। वहीं, तृप्ति देसाई के समर्थन में विभिन्न संगठनों ने हाजी अली के बाहर तृप्ति देसाई के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया। तृप्ति देसाई के समर्थकों ने महिलाओं और पुरुषों के लिए समानता की मांग को लेकर प्रदर्शन और नारेबाजी की है। मुंबई पुलिस ने तृप्ति को तय स्थान पर रुकने नहीं दिया। बता दें कि तृप्ति के इस कदम का एमआईएम ने विरोध किया है। आपको बता दें कि तृप्ति इससे पहले महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर और त्रयंबकेश्वर मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश के अधिकार के मुद्दे पर कामयाबी हासिल कर चुकी हैं।

मुंबई: एक विशेष पीएमएलए अदालत ने दिल्ली में नये महाराष्ट्र सदन के निर्माण और एक अन्य मामले के संबंध में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ राकांपा नेता छगन भुजबल के बेटे पंकज भुजबल के खिलाफ धन शोधन के एक मामले में आज गैरजमानती वारंट जारी किया। विशेष न्यायाधीश पी आर भावके ने कहा, ‘आरोपी संख्या तीन पंकज के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया जाता है।’ राकांपा विधायक के अलावा इस मामले में नामजद कुछ अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भी गैरजमानती वारंट जारी हुआ था। अदालत द्वारा इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के बाद यह कार्रवाई की गई थी। बाद में अदालत ने छगन भुजबल और उनके भतीजे समीर की न्यायिक हिरासत 11 मई तक बढ़ा दी। इससे पहले, ईडी ने अदालत को बताया था कि उसने भुजबल परिवार के सदस्यों की 131.86 करोड़ रूपये की संपत्ति कुर्क की थी जबकि 708.30 करोड़ रूपये की बची संपत्ति की पहचान और इसकी कुर्की अभी नहीं हुई है।

मुंबई: महाराष्ट्र एटीएस ने 2011 के सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में इंडियन मुजाहिद्दीन के संदिग्ध आतंकी को गिरफ्तार कर लिया। इन सिलसिलेवार बम धमाकों में 26 व्यक्तियों की मौत हो गयी थी। संदिग्ध आतंकी को मंगलवार सुबह हवाईअड्डे से गिरफ्तार करके स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 10 दिनों के लिए एटीएस की हिरासत में भेज दिया गया। आतंक रोधी स्क्वैड (एटीएस) के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘हमने आईएम के संदिग्ध आतंकी जैनुल अबेदीन को आज सुबह हवाईअड्डे से गिरफ्तार किया है। इसके बाद हमने उसे स्थानीय अदालत में पेश किया, जहां से उसे दस दिनों की हिरासत में भेज दिय गया।’ उन्होंने बताया, ‘हम मुंबई में 2011 के सिलसिलेवार बम धमाकों के बारे में उससे पूछताछ करेंगे।’ पुलिस ने बताया कि कलाचौकी के एटीएस अधिकारियों द्वारा उसकी गिरफ्तारी के आधार पर आरोपी के खिलाफ रेड कार्नर (आरसी) नोटिस जारी किया गया था।

नई दिल्ली: सबरीमाला मंदिर प्रबंधन ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दस से 50 साल के आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी इसलिए है क्योंकि वे मासिकधर्म के कारण 41 दिन के व्रत की अवधि में ‘शुद्धता’ कायम नहीं रख सकतीं। इस पर न्यायाधीशों ने पूछा कि मासिक धर्म शुद्धता से कैसे संबंधित है। केरल में इस मंदिर का प्रबंधन संभाल रहे त्रावणकोर देवस्वाम बोर्ड ने दावा किया कि प्रतिबंध भेदभावपूर्ण नहीं है और यह ‘तार्किक वर्गीकरण’ पर आधारित है। बोर्ड की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता केके वेणुगोपाल ने न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ से कहा, ‘कोई लैंगिक भेदभाव नहीं है। यह तार्किक वर्गीकरण है जिसके द्वारा कुछ खास वर्ग की महिलाओं को अलग किया गया है।’ पीठ ने खास आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी के संदर्भ में पूछा, ‘इस वर्गीकरण का आधार क्या है?’ वेणुगोपाल ने कहा कि इस आयुवर्ग की लड़कियों और महिलाओं को अलग इसलिए किया गया है क्योंकि वे मासिक धर्म के कारण 41 दिन की व्रत की अवधि में शुद्धता बरकरार नहीं रख सकतीं। पीठ ने कहा, ‘क्या आप यह कहना चाहते हैं कि मासिक धर्म महिलाओं की शुद्धता से जुड़ा हुआ है? क्या आप शुद्धता के आधार पर अंतर कर रहे हैं। अब सवाल यह है कि क्या संवैधानिक सिद्धांत इसकी अनुमति देते हैं?’

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