गंगटोक: केंद्र सरकार अब अर्द्धसैनिक बलों के शहीद हुए जवानों के आश्रितों को 1 करोड़ की मुआवजा राशि देगी। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन सीमा का दौरा करने के बाद इस बात की घोषणा भारत-तिबब्त सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के सिक्किम सैनिक सम्मेलन में की है। सुकमा में हुए नक्सली हमले के एक महीने बाद सरकार ने इस तरह का फैसला किया है। इससे पहले राजनाथ ने चीन सीमा से सटे शेराथंग बॉर्डर पोस्ट का अवलोकन किया है और कहा कि राष्ट्र को अपने जवानों के शहीद होने पर गर्व है। राजनाथ ने कहा कि सरकार ने 34 हजार कांस्टेबिल को हेड कांस्टेबिल के पद पर अपग्रेड कर दिया है। राजनाथ ने कहा कि पैरामिलिट्री फोर्स के जवान देश के मध्य और पूर्वी क्षेत्रों में नक्सलियों से, कश्मीर में आतंकियों से और पहाड़ी इलाकों में सीमा की रक्षा कर रहे हैं। राजनाथ ने कहा कि जवानों की शहादत को हम पैसे से नहीं तोल सकते हैं। लेकिन उनके परिवार वालों का भी ध्यान रखना है, इसलिए सरकार ने ऐसे जवानों के लिए मुआवजा राशि को बढ़ाकर के 1 करोड़ रुपये करने का फैसला लिया है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह तीन दिवसीय सिक्किम दौरे पर है। शनिवार को उनके इस दौरे का दूसरा दिन था और वह इस दौरान इंडो-तिब्बत बोर्डर की पुलिस पोस्ट पर भी गए जो नेथू ला में स्थित है। इस दौरान उन्होंने आईटीबीपी के जवानों के साथ बातचीत भी की। उन्होंने कहा कि यह हमारी ड्यूटी है कि जवानों की समस्या को जान सके और इसके लिए गृहमंत्रालय ने एक मोबाइल एप्लीकेशन भी लॉन्च की है।
राजनाथ सिंह शनिवार को जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ भी बैठक करेंगे। गृह मंत्रालय पहली बार इस तरह की बैठक आयोजित कर रहा है। मंत्रालय ने कहा है कि सीमा पर सुरक्षा बनाए रखने में राज्य भी साझेदार हैं। इस बैठक में केंद्र द्वारा सीमा पर किए गये बुनियादी ढांचे के कार्यों पर, सीमावर्ती क्षेत्र में विकास कार्यक्रम और राज्यों तथा भारत तिब्बत सीमा पुलिस के बीच समन्वय के मुद्दों पर चर्चा होगी। वहीं एक अधिकारी ने मुताबिक इस बैठक में सड़कों के निर्माण, सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी संरचनाओं की कमी से उपजे हालात पर ध्यान देने और अन्य कई मुद्दों पर चर्चा होगी। माना जा रहा है कि चीन ने सीमा पर सड़कों, पुलों, रेल-नेटवर्क और हवाईअड्डों का निर्माण करके अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है। बता दें कि भारत की चीन के साथ 3488 किलोमीटर लंबी सीमा है। यह सीमा जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुजरती है।