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विशाखापत्तनम: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि उभरती हुई नौवहन सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों ने दुनिया भर की नौसेनाओं की जिम्मेदारियों को बढ़ा दिया है। कल रात पूर्वी नौसेना कमान के अधिकारिसों के मेस में नौसेना प्रमुख आर के धवन द्वारा आयोजित भोज में राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ दुनिया भर में समुद्रों में उभरती नौवहन सुरक्षा चुनौतियों ने नौसेनाओं की जिम्मेदारी बढ़ा दी है। ’’ आईएनएस सुमित्रा पर सवार राष्ट्रपति ने कल विशखापत्तनम में अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू (आईएफआर) में 70 जहाजों का प्रदर्शन देखा । उन्होंने कहा, ‘‘ स्पष्ट है कि हमारे जल क्षेत्र का बड़ा हिस्सा साझा आर्थिक विकास हाईवे के जरिये अलग अलग भूक्षेत्र को दोस्ती के बंधन में बांधते हैं।

विशाखापत्तनम: राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने शनिवार को प्रेजीडेंशियल यॉट ‘आईएनएस सुमित्रा’ पर सवार होकर यहां आईएफआर 2016 में बेड़े की अंतरराष्ट्रीय परेड का निरीक्षण किया जहां विश्व के 50 देशों के बेड़े भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित शक्ति प्रदर्शन के इस विशाल शो में भाग ले रहे हैं। सशस्त्र बलों के शीर्ष कमांडर मुखर्जी के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर भी शामिल थे जिन्होंने ‘इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू’ (आईएफआर) में भाग लिया। आजादी के बाद बेड़े की समीक्षा का यह 11वां और अंतरराष्ट्रीय स्तर का दूसरा आयोजन है। राष्ट्रपति ‘आईएनएस सुमित्रा’ पर सवार थे जो विशाखापत्तनम के तट के समीप लंगर डाले फ्लीट में शामिल 70 पोतों के बीच से गुजरा।

विशाखापट्टनम: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम के पास नौसेना बेड़े की समीक्षा की । आज (शनिवार) सुबह 9 बजे शुरू हुए इस अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू में 50 देशों के करीब 100 जंगी जहाज शामिल हुए। जंगी जहाजों का यह मेला दोपहर करीब पौने बारह बजे तक चला। सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस कार्यक्रम में पहुंच गए और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी के बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी कार्यक्रम में पहुंचे। राष्ट्रपति चूंकि सशस्त्र बलों के सशस्त्र कमांडर होते हैं, वह 'प्रेजीडेंट्स फ्लीट रीव्यू' के तहत अपने कार्यकाल में एक बार भारतीय नौसेना बेड़े की समीक्षा करते हैं।

हैदराबाद: पूर्व मंत्री एवं कापू नेता मुद्रागडा पद्मनाभम ने कापू समुदाय को पिछड़ा वर्ग श्रेणी में शामिल करने की मांग को लेकर आज (शुक्रवार) अपनी पत्नी के साथ आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी । पद्मनाभम ने पूर्वी गोदावरी के अपने पैतृक गांव किरलमपुडी में अनशन शुरू किया । मांग के समर्थन में कुछ दिन पहले उनका आंदोलन हिंसक हो गया था । उनकी मांग है कि कापू आरक्षण मुद्दे का समाधान लगभग तीन महीने के भीतर किया जाना चाहिए और समुदाय के कल्याण के लिए सालाना एक हजार करोड़ रूपये दिए जाने चाहिए । उन्होंने यह भी मांग की कि गत रविवार को ‘कापू गर्जना’ जनसभा के दौरान हुई हिंसक घटनाओं के संबंध में समुदाय के सदस्यों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज नहीं किए जाने चाहिए ।

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