नई दिल्ली: झारखंड कांग्रेस के एक विधायक ने आरोप लगाया कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा राज्य में सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं। दूसरी तरफ भाजपा ने आरोपों को "निराधार" बताते हुए पलटवार किया है।
असम के मख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आज असम सरकार के प्रवक्ता पीयूष हजारिका का एक ट्वीट साझा किया, जिसमें उन्होंने झारखंड के विधायक की केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी और असम के मुख्यमंत्री से मुलाकात की तस्वीरें पोस्ट कीं। हजारिका ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने प्राथमिकी से पांच दिन पहले ही किसी ट्रेड यूनियन से संबंधित मामले में मदद करने के लिए जोशी से कांग्रेस विधायक की मुलाकात करवाई थी।
झारखंड के विधायक कुमार जयमंगल ने एक पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल के हावड़ा में जिन कांग्रेस के तीन विधायकों को गिरफ्तार किया गया था उन्हें करोड़ों रूपए का प्रलोभन दिया गया और साथ ही में मंत्री पद का प्रलोभन भी दिया गया है। गौरतलब है कि इन तीनों कांग्रेसी विधायक को भारी मात्रा में नकदी के साथ गिरफ्तार किया गया था।
जयमंगल ने आरोप लगाया कि उन तीनों विधायकों ने उन्हें गुवाहाटी बुलाया था और कहा था कि उनकी मुलाकात असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से होगी। इस मुलाकात में आदिवासी बहुल राज्य झारखंड की झामुमो-कांग्रेस सरकार को गिराने के बाद मंत्री पद और करोड़ों की नकद राशि देने का वादा किया गया था।
उन्होंने पत्र में कहा कि असम के मुख्यमंत्री को "दिल्ली में बैठे भाजपा के राजनीतिक दल के शीर्ष नेताओं का आशीर्वाद प्राप्त है।"
हिमंत सरमा ने कहा कि कांग्रेस विधायक द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी ठीक उसी तरह है जैसे कांग्रेस ओट्टावियो क्वात्रोच्चि को बोफोर्स के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए कहे। इतालवी व्यवसायी ओटावियो क्वात्रोची करोड़ों डॉलर के बोफोर्स घोटाले के केंद्र में थे, जिसने अपने सबसे युवा प्रधान मंत्री राजीव गांधी सहित कई भारतीय नेताओं के राजनीतिक करियर को प्रभावित किया।
सरमा ने हजारिका के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कहा, "झारखंड में फर्जी प्राथमिकी। तथाकथित प्राथमिकी वैसी ही दिखती है जैसे कांग्रेस ओट्टावियो क्वात्रोची को बोफोर्स के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए कह रही है।"
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा, "कांग्रेस के शीर्ष व्यक्ति भी मेरे संपर्क में रहते हैं। हम राजनीति के बारे में बात नहीं करते हैं, लेकिन 22 साल से अधिक समय तक एक पार्टी में रहने के कारण हम संपर्क में रहते हैं। मुझे नहीं पता कि इस पर प्राथमिकी क्यों दर्ज की गई।" कुमार जयमंगल सिंह के आरोपों के बारे में पहले कहा था ।