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गुवाहाटी: असम में आरएसएस संचालित स्कूल में पढ़ने वाले एक मुस्लिम छात्र ने दसवीं की बोर्ड परीक्षा में टॉप किया है। परीक्षा परिणाम आने के बाद संघ परिवार ने दावा किया है कि इसमे ‘‘आरएसएस के बारे में मिथ्या प्रचार को चूर-चूर कर दिया है।’’ छात्र सरफराज ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे इस स्कूल का छात्र होने पर गर्व है। मेरे स्कूल के कारण ही मैं प्रदेश में पहले स्थान पर आ सका हूं।’’ मंगलवार को घोषित परीक्षा परिणाम में 16 वर्षीय छात्र ने 600 में से 590 अंक (98.3 प्रतिशत) हासिल किए हैं। सरफराज ने संस्कृत लेख लेखन प्रतियोगिता में कई पुरस्कार जीते हैं। कुछ साल पहले उसने गुवाहाटी में आयोजित ‘गीता पाठ’ में भी पहला स्थान पाया था। आठवीं तक हमेशा संस्कृत में शत-प्रतिशत अंक लाने वाले सरफराज का कहना है, ‘‘मुझे गायत्री मंत्र सहित संस्कृत में प्रार्थनाएं पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं है।’’ सरफराज को सम्मानित करते हुए असम के शिक्षा मंत्री हिमंत बिश्व शर्मा ने कहा कि उसकी शिक्षा का खर्च सरकार वहन करेगी और उसके नाम पर पांच लाख रुपए सावधि जमा किये जाएंगे।

यहां एक रेस्तरां में काम करने वाले सरफराज के पिता अजमल हुसैन का कहना है कि वह अपने बेटे को अच्छी शिक्षा देना चाहते थे, ऐसे में ‘‘अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान या विद्या भारती के स्कूल में उसका दाखिला कराना मुझे कभी गलत नहीं लगा।’’ स्कूल के प्रधानाचार्य अक्षय कालिया ने बताया कि सरफराज बेत्कुची स्थित संकरदेव शिशु निकेतन का पहला छात्र है जिसे बोर्ड में प्रथम 20 में स्थान मिला है।

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