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वाराणसी (जनादेश ब्यूरो): गंगा में सोमवार को नावें नहीं चलीं। इससे पर्यटक घाटों का दीदार नहीं कर सके। जल पुलिस और एनडीआरएफ पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर नाविकों ने नौका संचालन बंद कर किया। नाविकों ने दशाश्वमेध घाट पर सभा की और शासन और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। जल पुलिस, नगर निगम और जिला प्रशासन की ओर वार्ता करने का प्रयास किया गया, लेकिन नाविकों की मांग बदलते रहने की वजह से वार्ता नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। गंगा में करीब 2500 छोटी-बड़ी नावें चलती हैं।

नाविकों ने शांति भंग में जेल भेजे गए नाविकों की रिहाई की मांग करते हुए सोमवार को नौका संचालन बंद कर दिया। दोपहर बाद नाविकों की जेल से रिहाई हो गई, लेकिन नाविकों का धरना खत्म नहीं हुआ। नाविकों के विरोध का नेतृत्व कर रहे मां गंगा निषाद राज सेवा न्यास के अध्यक्ष प्रमोद मांझी ने कहा कि दो साल से नावों का लाइसेंस नहीं बना है। नगर निगम नहीं सुन रहा है। ओवरलोडिंग के नाम पर नाविकों के साथ अभद्रता की जा रही है। नाविक ओवरलोडिंग के आरोप में जब्त नाव छुड़वाने की मांग पर अड़े हैं।

ओवरलोडिंग नाव के खिलाफ मुकदमा दर्ज है: जल पुलिस प्रभारी 

जल पुलिस प्रभारी एसआर गौतम के मुताबिक, ओवरलोडिंग नाव के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। अब कोर्ट से ही इस पर कुछ हो सकेगा। कई बार बातचीत करने का प्रयास किया गया, लेकिन नाविक लगातार मांग बदल रहे हैं। इस वजह से वार्ता का कोई हल नहीं निकल पाया। 

नहीं चले क्रूज, सवार यात्रियों को उतारा

गंगा में छह क्रूज और 600 से अधिक बजड़ों का संचालन नहीं हुआ। अलकनंदा क्रूज पर यात्री पहुंच चुके थे। जिन्हें उतार दिया गया। अलकनंदा क्रूज लाइन ने 700 पर्यटकों का और अस्सी घाट के क्रूज ने 200 से अधिक पर्यटकों की बुकिंग कैंसिल कर पैसा रिफंड कर दिया। अनुमान के मुताबिक पहले दिन क्रूज और बजड़ा संचालकों ने पांच लाख से अधिक की बुकिंग कैंसिल की।

पहले दिन करीब 10 लाख का कारोबार प्रभावित

गंगा में प्रतिदिन ढ़ाई हजार छोटी बड़ी नावों और क्रूज का संचालन होता है। अनुमान के मुताबिक पहले दिन करीब 10 लाख रुपये से अधिक का कारोबार प्रभावित हुआ। गंगा में छह बड़े क्रूज, करीब 500 बड़े बजड़ों और नावों का संचालन होता है।

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