लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने संसदीय कार्यमंत्री मोहम्मद आजम खां द्वारा विधानसभा में अपने प्रति की गई टिप्पणी को परखने के लिये मांगी गई सामग्री के अवलोकन के बाद विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय को लिखे पत्र में तल्ख रुख अपनाते हुए कहा है कि खान का वक्तव्य उनकी योग्यता पर सवाल उठाता है और इस बारे में उन्हें मुख्यमंत्री से विचार करना पड़ेगा। राजभवन के प्रवक्ता ने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष पांडेय द्वारा गत 15 मार्च को आजम खान की टिप्पणी के बारे में भेजी गयी असंपादित सीडी और लिखित कार्यवाही का अवलोकन करने के बाद राज्यपाल ने उन्हें लिखे पत्र में कहा है- 'प्राप्त असम्पादित और सम्पादित मुद्रित प्रति के अवलोकन से स्पष्ट है कि संसदीय कार्य मंत्री आजम खां द्वारा 8 मार्च 2016 को विधानसभा में राज्यपाल के प्रति की गई लगभग 60 पंक्ति की टिप्पणी में से 20 पंक्तियां हटा दी गई हैं।' नाईक ने पत्र में कहा- 'विधानसभा की कार्यवाही से संसदीय कार्यमंत्री के वक्तव्य की 33 प्रतिशत पंक्तियां हटाना यह दर्शाता है कि उनकी भाषा विधानसभा की गरिमा, मर्यादा और परम्परा के अनुकूल नहीं है।
सदन में संसदीय कार्य मंत्री का वक्तव्य संसदीय कार्य मंत्री के रूप में उनकी योग्यता पर प्रश्न चिहन के समान है। इस विषय पर मुख्यमंत्री जी से मुझे विचार करना पड़ेगा।' राज्यपाल ने पत्र में कहा कि वह इस खत को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास भी उनके संज्ञान के लिये भेज रहे हैं।