ताज़ा खबरें
मोदी-केजरीवाल भ्रष्ट और कायर हैं, दिल्ली दोनों ने बर्बाद किया: प्रियंका
राष्ट्रपति का सम्मान करती हैं सोनिया जी,बयान तोड़ा-मरोड़ा गया: प्रियंका
महाकुंभ में फंसे लोगों को राहत देने की व्यवस्था करे सरकार:अखि‍लेश
राष्ट्रपति ने दिया विकसित भारत का संदेश, कुंभ हादसे पर जताया दुख

मथुरा: सदियों से जिंदगी के रंगों से दूर रहीं विधवाओं की जिंदगी में उस समय लाल-गुलाबी-हरे-पीले रंग भर गए, जब वृंदावन के प्राचीन ठाकुर राधा गोपीनाथ मंदिर में सैकड़ों विधवाओं ने जमकर गुलाल उड़ाया और फूलों से होली खेलीं। इसके आयोजक सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डॉ. विन्देश्वर पाठक ने कहा कि सदियों से वृन्दावन में रह रही विधवाओं की जिंदगी में ऐसी भागीदारी उनकी उपेक्षित रही। यह उनकी जिंदगी में नई ज्योति लेकर आई है और इसका दूरगामी असर पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि सुलभ इंटरनेशनल अगस्त 2012 से वृंदावन और वाराणसी की करीब 1500 विधवाओं की देखभाल कर रहा है। सुलभ इन विधवाओं की जिंदगी में रंग भरने और इन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने की कोशिश के रूप में तीन साल से उनके लिए होली का त्यौहार मनाने का आयोजन कर रहा है। अब तक सुलभ इण्टरनेशनल इस प्रकार की होली का आयोजन उनके आश्रय सदनों (विधवाओं के रहने के लिए सरकार द्वारा संचालित आश्रमों) में ही करता रहा है।

लेकिन यह पहला मौका है, जब किसी जाने-माने और प्रतिष्ठित मंदिर में उनके लिए होली का त्यौहार मनाया गया। पाठक का कहना है कि इस आयोजन के जरिए वे विधवाओं पर सदियों से लगी हुई वर्जनाओं को समाप्त करने का प्रयास कर रहे हैं और समाज से पहले इस कार्य के लिए खुद विधवाओं को मानसिक तौर पर तैयार होने के लिए प्रतिवर्ष अलग-अलग तरीके से होली मनाते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन सारी कोशिशों का सबब एक ही है कि विधवाएं भी समाज के अन्य अंगों के समान ही जीवन व्यतीत कर सकें। एक टन से ज्यादा गुलाल और डेढ़ टन गुलाब व गेंदा के फूलों की होली ने ठा. राधागोपी नाथ मंदिर के प्रांगण को दैवीय स्थल का स्वरूप प्रदान कर दिया। पाठक ने कहा कि भारतीय समाज के अनेक हिस्सों में आज के आधुनिक दौर में भी विधवाओं को होली मनाने, रंगीन वस्त्रों आदि का प्रयोग करने एवं खुशियों से भरे मांगलिक कार्यक्रमों में शामिल नहीं किया जाता है। ऐसे कार्यक्रमों से उन्हें सदैव दूर रखा जाता है। क्योंकि उनकी मौजूदगी अपशकुन मानी जाती है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख