नई दिल्ली: सीबीआई ने नोएडा के निलंबित पूर्व प्रमुख अभियंता यादव सिंह सहित 11 लोग तथा तीन कंपनियों के गाजियाबाद की एक अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। आरोपियेां में उनकी पत्नी भी शामिल हैं। भ्रष्टाचार का यह मामला 959 करोड़ रुपये के 1280 प्रोजेक्ट से जुड़ा है। सूत्रों ने बताया कि आरोप पत्र में प्रमुख अभियंता यादव सिंह के अलावा उनकी पत्नी कुसुम लता का नाम भी शामिल हैं। भ्रष्टाचार की रकम उनके बैंक खातों में भी ट्रांसफर की गई थी। इनके अलावा पूर्व प्रोजेक्ट अभियंता रमींद्र , सहायक प्रोजेक्ट अभियंता देवीराम आर्य, पूर्व एपीई जयपाल सिंह, पूर्व जेई राजीव कुमार, पूर्व जेई आरडी शर्मा, पूर्व जेई ओमपाल सिंह हैं। मैसर्स तिरुपति कंस्ट्रेक्शन लि. के निदेशक वीके गोयल, मैसर्स एनकेजी इंफ्रास्ट्रेक्चर प्रा.लि. प्रदीप गर्ग तथा जेएसपी कंस्ट्रेक्शन लि.के निदेशक पंकज जैन और तीनों कंपनियों को आरोपी बनाया गया है। बताया गया कि यह मामला भूमिगत केबल से जुड़ा है जो उद्योग मार्ग नंबर-45 तथा एमपी-वन मार्ग पर डाली गई थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई ने चार अगस्त 2015 को यादव सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की जांच शुरू की थी।
करीब एक साल तक चली जांच के बाद सीबीआई ने पाया कि प्रमख अभियंता यादव सिंह ने 14 दिसम्बर 2011 से 23 दिसम्बर 2011 के बीच कुछ फर्मों को 959 करोड़ रुपये के टेंडर जारी किए थे जिनमें बड़े पैमाने पर गड़बडि़यां की गई थी। इस संबंध में सीबीआई ने साजिश, धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज तथा भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। इस सिलसिले में सीबीआई ने तीन फरवरी 2106 को यादव सिंह को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने करोड़ों रुपये भ्रष्टाचार के मामले में यादव सिंह से जुड़ी चार फर्म के निदेशकों के आवास तथा कार्यालय पर छापेमारी की थी। सूत्रों का कहना है कि इस दौरान नोएडा स्थित होटल गोल्ड लिंक में भी छापेमारी हुई थी। यह होटल मैसर्स एनकेजी तथा एक अन्य फर्म का साझा उपक्रम बताया जाता है।