कोच्चि: केरल में ब्रिटेन के जिस नागरिक को कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए एचआईवी एंटी-वायरल दवाएं दी गईं, उसकी दूसरी जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। कोच्चि में एर्नाकुलम मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने बुधवार को यह जानकारी दी। अस्पताल के बयान में कहा गया है कि पहली जांच में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए उस व्यक्ति को रिटोनेविर और लोपिनेविर दवाएं दी गईं, जिसके बाद उसकी हालत में काफी सुधार हुआ और उसकी ताजा जांच रिपोर्ट में पता चला है कि वह ठीक हो गया है। डॉक्टरों ने कहा कि जिन रोगियों को सात दिन तक ये दवाएं दी गईं, उनके इलाज में यह कारगर साबित हुईं। दवाएं देने के बाद तीन दिन पहले एक बार फिर उस ब्रिटिश नागरिक के नमूनों की जांच की गई। इस बार उनकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है।
बता दें कि केरल में बुधवार को नौ और लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने का पता चला जिसके बाद राज्य में इस महामारी के कुल मामलों की संख्या 112 हो गई है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि लोगों के बीच आपस में संक्रमण की खबरें नहीं हैं लेकिन अभी हमारे सिरों पर तलवार लटकी हुई है तथा राज्य खतरनाक स्थिति का सामना कर रहा है।
राज्य के पथनमथिट्टा में एक स्थानीय चर्च के एक पादरी और दो प्राधिकारियों को सरकार के आदेश की अवहेलना करते हुए अंतिम संस्कार कराने के लिए बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने कहा कि यहां तुवयूर दक्षिण स्थित सेंट पीटर्स चर्च के पादरी रेजी योहानन, चर्च के ट्रस्टी सूरज और सचिव मैथ्यू को गिरफ्तार किया गया। उन्हें बाद में जमानत पर छोड़ दिया गया। केरल में घातक कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरकार द्वारा बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार पर पाबंदी लगाने के बाद किसी चर्च के पादरी की गिरफ्तारी का यह दूसरा मामला है।
राज्य में पूर्ण लॉकडाउन (बंद) के बीच सेंट पीटर्स चर्च परिसर में पूर्वाह्न 11 बजे आयोजित इस अंतिम संस्कार में 50 से अधिक लोग शामिल हुए थे। पुलिस ने कहा कि तीन लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 और केरल पुलिस अधिनियम की धारा 118 ई के तहत मामला दर्ज किया गया है। सोमवार को, चालाकुडी में एक चर्च में प्रार्थना सभा का आयोजन कराने वाले एक पादरी को गिरफ्तार कर लिया गया था। उस प्रार्थना सभा में 100 से अधिक लोग शामिल हुए थे। उन्हें बाद में जमानत पर छोड़ दिया गया था।
पश्चिम बंगाल का एक व्यक्ति यहां सरकारी अस्पताल के पृथक वार्ड से बुधवार सुबह भाग गया जहां उसे कोरोना वायरस के संक्रमण के संदेह में निगरानी में रखा गया था। पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी है। सभी थानों को इस बारे में सूचना दे दी गई है।