नई दिल्ली: केरल के सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए 16 नवंबर से शुरू हो रहे त्योहार के मौसम में ऑनलाइन आवेदन की शुरुआत पहले ही हो चुकी थी। इसके 1 सप्ताह के अंदर ही अब तक 10 से 50 वर्ष की उम्र की कुल 500 से अधिक महिलाओं ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। ऐसा तब हुआ है जब सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंधित आयु वर्ग की महिलाओं को अनुमति देने के ऐतिहासिक फैसले का केरल में भारी विरोध हो रहा है। सबरीमाला मंदिर 16 नवंबर को फिर से खुलने जा रहा है।
त्रावणकोर बोर्ड के मुताबिक शुक्रवार तक करीब 3.50 लाख तीर्थयात्रियों ने दर्शन के लिए केरल पुलिस सुविधा केंद्र में रजिस्ट्रेशन करवाया है, जिनमें 10 से 50 वर्ष की उम्र वर्ग की 500 से अधिक महिलाएं शामिल हैं। मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने और सुचारु व्यवस्था कायम करने के लिए पुलिस ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू की है। ऑनलाइन रजिस्ट्रएशन के जरिए मंदिर परिसर में गड़बड़ी को रोकना भी संभव हो सकेगा।
बता दें कि भगवान अय्यप्पा के मंदिर में, मंदिर प्रशासन और प्रदर्शनकारियों ने 10 से 50 वर्ष उम्र की महिलाओं को प्रवेश करने से रोक दिया था, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर के अपने आदेश में सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति प्रदान की है। यह व्यवस्था समस्या पैदा करने वाले तत्वों को निकाल बाहर करने के मकसद से भी शुरू की गई है, जो पिछले दो महीने से बखेड़ा खड़ा कर चुके हैं।
भगवान अय्यप्पा के मंदिर में अक्टूबर और नवंबर में मंदिर प्रशासन और प्रदर्शनकारियों ने 10 से 50 वर्ष उम्र की 15 महिलाओं को प्रवेश करने से रोक दिया था, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने ने 28 सितंबर के अपने आदेश में सभी उम्र वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति प्रदान की है। आगामी त्योहारी सीजन के आरंभ से पहले 13 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट सितंबर के फैसले के खिलाफ दायर की गई कई याचिकाओं पर सुनवाई करेगा।
केरल सरकार ने कहा है कि वह शीर्ष अदालत के फैसले का अनुपालन करेगी। यही नहीं राज्य सरकार ने सबरीमाला में 2011-12 में शुरू किए गए वर्चुअल क्यू-सिस्टम को भी खोल दिया है। यह सिस्टम 2015 तक ही अमल में रहा था।