तिरुवनंतपुरम: केरल में नन से दुष्कर्म के मामले में आरोपी बिशप की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। दो दिन से पुलिस व क्राइम ब्रांच के तीखे सवालों का सामना कर रहे बिशप के लिए गुरुवार की शाम एक और बुरी खबर आई है। आरोपी बिशप को अपना पद गंवाना पड़ा है। कैथेलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया ने बिशप फ्रांको मुलक्कल को उनके पद से अस्थाई तौर पर हटा दिया है। बताते चलें कि आरोपी बिशप से आज गुरुवार को भी पूछताछ का दौर जारी रहा। आरोपी को कोच्चि क्राइम ब्रांच (सीआईडी) के मुख्यालय लाया गया है। जहां उससे लगातार दूसरे दिन पूछताछ की गई। बिशप पर एक नन से 2014 और 2016 के बीच कई बार दुष्कर्म करने का आरोप है।
एक पुलिस अधिकारी ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया कि आरोपी बिशप को गुरुवार की शाम तक गिरफ्तार किया जा सकता है। अधिकारी ने कहा कि बिशप बातों को घुमा रहा है। आरोपी के कथन में बार-बार विसंगतियां मिल रही हैं। बताते चलें कि कल बुधवार को आरोपी से सात घंटे तक पूछताछ चली थी।
वहीं, 13 दिनों से बिशप की गिरफ्तारी के लिए आंदोलन कर रही पीड़ित नन ने कहा है कि वह अपने आंदोलन को गति देगी। बताते चलें कि बिशप ने अग्रिम जमानत के लिए मंगलवार को केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। कानूनी विशेषज्ञों ने कहा कि 25 सितंबर से पहले पादरी के गिरफ्तार होने की संभावना नहीं है। उसी दिन उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर उच्च न्यायालय में सुनवाई होगी। हालांकि उनकी गिरफ्तारी में कोई कानूनी अड़चन नहीं है।
नन ने कैथोलिक पादरी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने 2014 से 2016 के बीच कई बार उससे दुष्कर्म किया। मुलक्कल ने दावा किया है कि उनके खिलाफ आरोप एक गढ़ी हुई कहानी है, जिसका उद्देश्य नन के खिलाफ मिली कई शिकायतों पर उनके द्वारा की गई कार्रवाई का बदला लेना है।