नई दिल्ली: केरल के चर्चित लव जिहाद मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हदिया की पेशी हुई। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के सामने केस के सुनवाई के दौरान हदिया ने कहा कि उन्हें उनकी आजादी चाहिए। चीफ जस्टिस ने जब हदिया से पूछा कि वो अपनी पढ़ाई राज्य के खर्चे पर जारी रखना चाहती हैं तो उन्होंने कहा कि हां, मगर जब मेरे पति मेरा खर्चा वहन कर सकते हैं तो मैं राज्य के खर्चे पर पढ़ाई क्यों करूं?
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि हदिया अपनी पढ़ाई करने के लिए कॉलेज जाएगी और वो कॉलेज हदिया को हॉस्टल की सुविधा मुहैया कराएगा। अब इस मामले की अगली सुनवाई जनवरी के तीसरे हफ्ते में होगी। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने हादिया के पिता से उसे कोर्ट में पेश किए जाने का आदेश दिया था।
कोर्ट ने बताया था कि वह हादिया की मानसिक स्थिति के बारे में जानना चाहता है। केरल के लव जिहाद मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच कर रही है। बता दें कि पिछली सुनवाई में शनिवार को हदिया (इस्लाम धर्म अपनाने वाली हिंदू महिला) ने कहा था कि वह अपने पति के साथ रहना चाहती है।
हादिया को उसके माता पिता और सुरक्षाकर्मी इस बीच दिल्ली जाने वाले विमान में चढाने के लिए जबरन ले गए, क्योंकि इस मामले में उसे इस महीने की 27 तारीख को सुप्रीम कोर्ट में गवाही देनी थी। हदिया को जब भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच नेदुम्बेसरी स्थित हवाई अड्डे पर ले जाया गया तो वहां अव्यवस्था का माहौल हो गया। इस दौरान मीडियाकर्मी उसके निकट जाने की कोशिश करने लगे तो पुलिस के साथ धक्का मुक्की भी हुई।
सुप्रीम कोर्ट ने कथित लव जिहाद प्रकरण में केरल की महिला से बातचीत की और उसे होम्योपैथी की शिक्षा आगे जारी रखने के लिये तमिलनाडु के सलेम भेज दिया प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने हादिया को सुरक्षा प्रदान करने और यथाशीघ्र उसका सलेम पहुंचना सुनिश्चित करने का केरल पुलिस को निर्देश दिया है।
शीर्ष अदालत ने सलेम स्थित होम्योपैथिक कालेज के डीन को हादिया का संरक्षक नियुक्त करने के साथ ही उन्हें किसी भी परेशानी की स्थिति में न्यायालय आने की छूट प्रदान की है। न्यायालय ने कालेज और विश्वविद्यालय को निर्देश दिया कि हादिया को फिर से प्रवेश दिया जाये और उसे छात्रावास की सुविधा उपलब्ध करायी जाये। हादिया पिछले कई सप्ताह से अपने पिता के घर में रह रही थी।
इस मामले की दो घंटे से भी अधिक समय तक चली सुनवाई के दौरान हादिया ने कहा कि वह अपने पति शफीं जहां के साथ जाना चाहती है। शीर्ष अदालत हादिया के साथ शफीं की शादी को अमान्य करार देने के केरल हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ शफी की याचिका पर जनवरी के तीसरे सप्ताह में आगे विचार करेगी।
शफी जहां ने 20 सितंबर को शीर्ष अदालत में एक अर्जी दायर करके हिन्दू युवती द्वारा धर्म परिवर्तन के बाद उसके साथ विवाह करने के इस विवादास्पद मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेन्सी को सौंपने का आदेश वापस लेने का अनुरोध किया था। शीर्ष अदालत ने 16 अगस्त को राष्ट्रीय जांच एजेन्सी को इस घटना की जांच शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आर वी रवीन्द्रन की देखरेख में करने का निर्देश दिया था।
शफी जहां ने इस हिन्दू युवती से पिछले साल दिसंबर में विवाह किया था। लेकिन उच्च न्यायालय द्वारा इस विवाह को अमान्य घोषित करने के फैसले को चुनौती देते हुये उसने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की जिसमें उसने इस निर्णय को देश में महिलाओं की स्वतंत्रता का अपमान बताया था। हाई कोर्ट ने केरल पुलिस को इस तरह के मामलों की जांच करने का भी आदेश दिया था।
इस युवती के पिता अशोकन के एम ने आरोप लगाया था कि उसे सीरिया में इस्लामिक स्टेट मिशन द्वारा भर्ती किया गया हैऔर जहां तो सिर्फ एक मोहरा है। उनका यह भी आरोप था कि धर्म परिवर्तन और इस्लामिक कट्टरता के लिये एक ‘सुव्यवस्थित तंत्र’ काम कर रहा है।