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महासमुंद (छत्तीसगढ़): लोकसभा चुनाव 2024 में दक्षिण गोवा से कांग्रेस के उम्मीदवार कैप्टन विरिआतो के विवादित बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रिएक्शन आया है। मंगलवार (23 अप्रैल, 2024) को पलटवार करते हुए पीएम ने कहा, कांग्रेस ने अब एक और बड़ा खेल शुरू कर दिया है। पहले कर्नाटक से कांग्रेस के सांसद ने कहा था कि दक्षिण भारत को अलग देश घोषित कर देंगे। अब कांग्रेस के गोवा के उम्मीदवार कह रहे हैं कि गोवा पर भारतीय संविधान लागू नहीं होता है। वह साफ-साफ कह रहे हैं गोवा पर संविधान थोपा गया। उन्होंने ये बातें कांग्रेस के शहजादे (राहुल गांधी के संदर्भ में) को बताई हैं। ये बाबा साहब भीम राव अंबेडकर का अपमान है या नहीं है? यह भारत के संविधान का अपमान है या नहीं है? यह देश के संविधान के साथ छेड़छाड़ है या नहीं है?

प्रधानमंत्री के मुताबिक, "कांग्रेस का उम्मीदवार कह रहा है कि गोवा में संविधान नहीं चलेगा। यह जम्मू कश्मीर के लोग भी कहा करते थे, आपने मोदी को आशीर्वाद दिया और आज उनकी बोलती बंद हो गई और आज वहां देश का संविधान चल रहा है। बाबा साहब का संविधान, जो जम्मू कश्मीर में नहीं चलता था, वह भी लागू हो गया।"

बिना नाम लिए राहुल गांधी को लपेटा

छत्तीसगढ़ के महासमुंद में जन सभा के दौरान पीएम मोदी ने आगे बताया, कांग्रेस कैंडिडेट कह रहा है कि उसने ये बात अपने नेता (राहुल गांधी) को बताई है और यह सार्वजनिक करने का मतलब है कि उस नेता ने उसे मुख सहमति दी है। ये देश को तोड़ने की सोची-समझी चाल है। कांग्रेस को देश के एक बड़े हिस्से ने नकार दिया है। ऐसे में वह देश में ऐसे ही टापू बनाना चाहती है। आज गोवा में संविधान को नकार रहे हैं और कल पूरे देश में ये लोग बाबा साहब के संविधान को नकारने का पाप करेंगे।

कांग्रेस के प्रत्याशी ने क्या कहा था? 

यह पूरा मामला 10 मार्च, 2019 से जुड़ा है, जिसके बारे में सोमवार (22 अप्रैल, 2024) को एक चुनावी जन सभा में कैप्टन विरिआतो ने बताया। उन्होंने कहा कि उनकी तब गोवा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर राहुल गांधी से बात हुई थी। जिन मुद्दों पर बात हुई थी, उनमें गोवा के लोंगो के लिए दोहरी नागरिकता की मांग भी थी। ऐसे में राहुल गांधी ने कैप्टन विरिआतो से पूछा कि क्या यह संवैधानिक है? इस पर कांग्रेस नेता का जवाब आया, "नहीं।"

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की ओर से तब यह भी कहा गया था कि ऐसे में इस पर कोई बातचीत नहीं हो सकती। जवाब में कैप्टन विरिआतो बोले थे, "26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ था। गोवा तब भारत का हिस्सा नहीं था। 1961 को जब हम आजाद हुए तब उस संविधान को (जिसको बनाते समय हम लोग उस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं थे) हम पर थोपा गया। अब आप लोग हमें कहते हैं कि यह (दोहरी नागरिकता) असंवैधानिक है।"

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