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रायपुरः छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय ;ईडीद्ध की कार्रवाई पर कड़ी टिप्‍पणी करते हुए मौखिक निर्देश दिया है कि ईडी राज्य में डर का माहौल न बनाए। ईडी पर सुप्रीम कोर्ट की मौखिक टिप्‍पणी ऐसे समय में आई है, जब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार ईडी पर परेशान करने, धमकाने और उन्हें फंसाने का आरोप लगा रहे हैं। हालांकि ईडी ने आरोपों का खंडन किया और बताया कि एजेंसी राज्य में एक घोटाले की जांच कर रही है। ईडी का दावा है कि छत्तीसगढ़ में हजारों करोड़ रुपये का शराब घोटाला हुआ है। उधर, इस मामले में गिरफ्तार आरोपी 19 मई तक ईडी की हिरासत में हैं।

रायपुर में धन शोधन निवारण अधिनियम ;पीएमएलएद्ध अदालत ने रायपुर मेयर के भाई और कारोबारी अनवर ढेबर, नितेश पुरोहित, त्रिलोक सिंह ढिल्लन उर्फ पप्पू ढिल्लन और आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरूणपति त्रिपाठी की हिरासत बढ़ाई थी। ये सभी आरोपी 19 मई तक ईडी की हिरासत में रहेंगे। शराब वितरण कंपनी सीएसएमसीएल के पूर्व एमडी एपी त्रिपाठी को मुंबई से पकड़ा गया है।

आरोप है कि वो पूछताछ में शामिल नहीं हो रहे थे। शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने में रिश्वत लेने, फर्जी होलोग्राम बनाने की डील में 90 लाख लेने जैसी बातें सामने आई हैं। त्रिपाठी के जब्त लैपटॉप और फोन से कई चैट मिलने की बात कही जा रही है, जो शराब घोटाले में रुपयों के लेन.देन और सिंडिकेट की गुप्त बैठकों से जुड़े हैं।

विपक्ष ने मांगा सीएम का इस्‍तीफा

विपक्ष इस मामले में सीधा मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांग रहा है। पूर्व मुख्‍यमंत्री डॉण् रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में करप्शन दिन पर दिन बढ़ रहा है, नए.नए भ्रष्‍टाचार उजागर हो रहे हैं। भ्रष्टाचार ऐसा है जो प्रमाणित हो चुका है। ईडी ने 2000 करोड़ रुपए का शराब घोटाला प्रमाणित किया है और अब रिकवरी होना शुरू हो गया। उन्‍होंने कहा कि लोगों की संपत्ति जप्त होना शुरू हो चुकी है। देश मे ये पहली सरकार है जो अवैध सिंडिकेट के जरिए अवैध शराब बिकवाती है। इनके केंद्रीय नेतृत्व को निर्णय लेना चाहिए कि ये व्यक्ति मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए या नहीं।

डर का माहौल न बनाए ईडीः सुप्रीम कोर्ट

हालांकि ईडी के तौर तरीकों से सर्वोच्च अदालत खुश नहीं है। अनवर ढेबर सहित दो लोगों की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी में यह कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ईडी डर का माहौल ना बनाए। कोर्ट ने बताया कि आबकारी विभाग के 52 अधिकारियों ने लिखित शिकायत दी है कि उन्हें ‘मानसिक, शारीरिक‘ यातना दे कर ईडी परेशान कर रही है। उनके परिवार के सदस्यों को गिरफ्तारी की धमकी दे रही है और मुख्यमंत्री को फंसाने की कोशिश कर रही है।

ईडी ने आरोपों का किया खंडन

सरकार ने दावा किया कि अधिकारियों ने कहा है कि वे विभाग में काम नहीं करेंगे। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि यह चौंकाने वाली स्थिति है। छत्तीसगढ़ में चुनाव आ रहे हैं और इसलिए यह हो रहा है। वहीं ईडी ने आरोपों का खंडन किया और बताया कि एजेंसी राज्य में एक घोटाले की जांच कर रही है।

डरा.धमकाकर बयान ले रहेः सिंहदेव

छत्तीसगढ़ के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के संदर्भ में जिस प्रकार से चर्चा हो रही थी। उस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में वाद पेश किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को निर्देशित कर दिया है कि भय का माहौल न बनाए। कम से कम भय के वातावरण की बात नहीं होनी चाहिए। आप डरा.डराकर बयान ले रहे हो, यह प्रजातंत्र की न्याय प्रणाली का हिस्सा नहीं हो सकता। यह तो हम 500 साल पीछे जा रहे हैं, जब भी फ्यूडल सिस्टम होता था, तब हम सुनते थे कि कोड़े बरसते थे जोर जबरदस्ती की जाती थी। प्रजातंत्र है, हमारे देश में प्रजातंत्र में जोर जबरदस्ती से कुछ नहीं किया जाना चाहिए।

3 साल में 2000 करोड़ का चूना!

छत्तीसगढ़ में 6 मई को शराब घोटाले में कारोबारी अनवर ढेबर की गिरफ़्तारी करने के बाद ईडी ने कोर्ट में रिमांड पेपर में दावा किया था कि छत्तीसगढ़ की सरकारी 800 दुकानों में 30 से 40 प्रतिशत अवैध देसी शराब बेची गई, ये एक सिंडिकेट था जिसे कारोबारी अनवर ढेबर और आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा जैसे लोग चलाते थे। इस सिंडिकेट ने 3 साल में राज्य को 2000 करोड़ रुपये का चूना लगाया।

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