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चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सोमवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)-नीत केंद्र सरकार के तहत लोकतंत्र सबसे बड़े खतरे का सामना कर रहा है, क्योंकि उसने ‘‘पारदर्शिता को खत्म करने’’ के लिए चुनाव संचालन नियमों में बिना सोचे समझे संशोधन किया है। स्टालिन ने सभी राजनीतिक दलों से ‘‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव पर हमले’’ का मुकाबला करने की अपील की।

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (डीएमके) के अध्यक्ष स्टालिन ने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा चुनाव बूथ का सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने के निर्देश के बाद, सरकार सीसीटीवी फुटेज सहित चुनाव दस्तावेजों के सार्वजनिक निरीक्षण को रोकने के लिए संशोधन लेकर आयी है, इस प्रकार ‘‘संविधान की एक बुनियादी विशेषता को नष्ट कर दिया है।’’

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘चुनाव में पारदर्शिता खत्म करने के लिए चुनाव संचालन नियमों की धारा 93(2)(ए) में लापरवाही से संशोधन किए जाने से बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के तहत लोकतंत्र सबसे गंभीर खतरे का सामना कर रहा है।’’

स्टालिन ने चुनाव संचालन नियमों में संशोधन पर उठाए सवाल

उन्होंने कहा, ‘‘बीजेपी-नीत केंद्र सरकार का भय हरियाणा से आगे महाराष्ट्र को लेकर चिंता को दर्शाता है, जहां हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उनकी सुनियोजित और नापाक जीत ने गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह चौंकाने वाला है कि भारत के निर्वाचन आयोग ने संस्थागत शुचिता के लिए लड़ने के बजाय, स्वेच्छा से प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के दबाव के आगे घुटने टेक दिए हैं और...(आयोग) स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव को नुकसान पहुंचाने में शामिल हो गया। मैं केंद्र सरकार में शामिल दलों सहित सभी राजनीतिक दलों से अपील करता हूं कि वे आगे आएं और हमारे देश के स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों पर इस अलोकतांत्रिक हमले का मुकाबला करें।’’

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