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तिरुचिरापल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार यानि 2 जनवरी से दक्षिण भारत के दौरे पर हैं। अपने दौर के पहले दिन पीएम मोदी ने तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में स्थित भारतीदासन विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय नवोन्मेषकों ने 2014 में पेटेंट की संख्या करीब 4,000 से बढ़ाकर अब लगभग 50,000 कर दी है। राज्य सरकार की ओर से संचालित विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कवि भारतीदासन के तमिल छंदों ‘पुथियाथोर उलागम सेवोम' का हवाला दिया और कहा कि इसका मतलब एक साहसी नई दुनिया बनाना है, जो विश्वविद्यालय का आदर्श वाक्य भी है।

पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय युवा पहले से ही ऐसी दुनिया बना रहे हैं। इस विश्वविद्यालय का नाम भारतीदासन के ही नाम पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय वैज्ञानिक चंद्रयान जैसे अभियानों के माध्यम से दुनिया के नक्शे पर पहुंच चुके हैं और ‘हमारे नवोन्मेषकों ने पेटेंट की संख्या 2014 में लगभग 4,000 से बढ़ाकर अब लगभग 50,000 कर दी है।'

उन्होंने कहा कि भारत के मानविकी क्षेत्र के विद्वान दुनिया के सामने भारत की कहानी को ऐसे प्रदर्शित कर रहे हैं, जैसा पहले कभी नहीं हुआ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के संगीतकार और कलाकार लगातार देश के लिए अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार ला रहे हैं। उन्होंने रेखांकित किया कि शिक्षा का सही उद्देश्य उसे अर्जित करने के बाद एक बेहतर समाज और देश बनाने में उसका उपयोग करना है। पीएम मोदी 1982 में स्थापित विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं। छात्रों के एक समूह के साथ एक बहुत ही संक्षिप्त बातचीत में, उन्होंने पूछा कि क्या कोई दिल्ली जाने का इच्छुक है? इस पर दो छात्राओं ने हाथ उठाया और मुस्कुराकर अपना जवाब दिया।

प्रधानमंत्री ने क्रांतिकारी तमिल कवि कहे जाने वाले भारतीदासन (1891-1964) की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और छात्रों, राज्यपाल आर एन रवि तथा मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के साथ एक सामूहिक तस्वीर खिंचवाई।

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