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चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने रविवार को कहा कि नीट (नीट) को तमिलनाडु पर थोपा गया, जिससे उसका मेडिकल आधाभूत ढांचा 'नष्ट' हो रहा है। स्टालिन ने कहा कि राज्य जनता के समर्थन से खुद को इससे छूट दिलाएगा। स्टालिन ने डॉक्टर्स एसोसिएशन फॉर इक्वेलिटी (डीएएसई) के चौथे राज्य सम्मेलन को डिजिटल माध्यम से संबोधित किया।

उन्होंने अपने संबोधन में कई मेडिकल अभ्यर्थियों की कथित तौर पर राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) को लेकर राज्य में आत्महत्याओं को याद किया। स्टालिन ने आरोप लगाया कि नीट तमिलनाडु में मेडिकल आधारभूत ढांचे को 'नष्ट करने' के लिए 'थोपा' गया था।

स्टालिन ने कहा, ‘‘हमने नीट छूट सुनिश्चित करने के लिए कानूनी संघर्ष शुरू किया है। कुछ लोग अहंकार के साथ कह सकते हैं, यहां तक कि कुछ (सरकारी) पदों पर बैठे लोग भी यह कह सकते हैं कि नीट से छूट संभव नहीं है। (लेकिन) नीट से छूट हमारा उद्देश्य है और यह जनता के समर्थन से होगा।''

स्टालिन तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (डीएमके) पार्टी के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि द्रमुक (डीएमके) की युवा शाखा, छात्र शाखा और चिकित्सा शाखा द्वारा शुरू किया गया नीट विरोधी हस्ताक्षर अभियान एक 'जन आंदोलन' बन गया है।

तमिलनाडु सरकार ने यह दलील देते हुए राज्य के लिए नीट छूट की मांग करते हुए एक से अधिक बार विधानसभा प्रस्ताव पारित किए हैं कि केंद्रीय पात्रता परीक्षा सामाजिक न्याय के खिलाफ है।

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