ताज़ा खबरें
भगवंत मान सत्ता के नशे में चूर, घमंड में किसानों को धमका रहे: कांग्रेस
किसी को मियां-तियां या पाकिस्तानी कहने पर केस नहीं चला सकते:कोर्ट
चुनाव मशीनरी राजनीतिक दलों संग बैठकें करके मुद्दों को हल करें:सीईसी
पंजाब:प्रदर्शन से पहले किसान नेताओं को हिरासत में लिया, कई नजरबंद
डेटा संरक्षण के नाम पर आरटीआई को कमजोर कर रही सरकार: खड़गे
महाराष्ट्रः बीड के सरपंच हत्याकांड में घिरे मंत्री धनंजय मुंडे ने दिया इस्तीफा

चंडीगढ़ (जनादेश ब्यूरो): संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेताओं ने दावा किया कि 5 मार्च को चंडीगढ़ में विरोध प्रदर्शन के उनके आह्वान से पहले पंजाब पुलिस ने मंगलवार तड़के कई किसान नेताओं के आवास पर ‘छापेमारी’ की और उन्हें हिरासत में ले लिया। कई नेताओं को नजरबंद भी किया गया है। पुलिस कार्रवाई की आशंका से कई किसान नेता भूमिगत हो गए हैं। फिलहाल इन दावों को लेकर पुलिस की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

चंडीगढ़ धरने से पहले भारतीय किसान यूनियन उगराहां के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां के घर पुलिस पहुंची, लेकिन उगराहा घर पर मौजूद नहीं थे। इसके साथ ही बरनाला जिले में भी कई किसान नेताओं के घर पुलिस पहुंची है। किरती किसान यूनियन के ब्लॉक नेता दलजिंदर सिंह हरियाउ को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। थाना पातड़ां के गांव मौलवीवाला में किसान नेता कुलवंत सिंह को नजरबंद किया गया है। कुलवंत मौलवीवाला कुल हिंद किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। कुल हिंद किसान सभा संयुक्त किसान मोर्चा का एक अहम हिस्सा है।

एसकेएम ने नेताओं के मुताबिक, रात को मानसा में भी किसानों के घरों में छापेमारी कर करीब 10-12 किसानों को हिरासत में लिया गया है।

भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के महासचिव हरिंदर सिंह लाखोवाल ने दावा किया कि पंजाब पुलिस ने सुबह-सुबह एसकेएम नेताओं के आवासों पर ‘छापेमारी’ की। लखोवाल ने कहा, ‘‘ऐसी कार्रवाइयों से सरकार किसानों की आवाज को दबा नहीं सकती।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम किसानों की विभिन्न मांगों के समर्थन में लड़ रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि उनके आवास पर भी पुलिसकर्मी तैनात हैं। लाखोवाल ने किसानों से बड़ी संख्या में चंडीगढ़ पहुंचने का आह्वान किया।एसकेएम (राजेवाल) के उपाध्यक्ष मुकेश चंद्र शर्मा ने दावा किया, ‘‘पुलिस ने सुबह चार बजे मेरे आवास पर छापा मारा।’’ उन्होंने पुलिस कार्रवाई की निंदा की।

किसान नेताओं ने कहा कि पुलिस की यह कार्रवाई मुख्यमंत्री भगवंत मान और एसकेएम नेताओं के बीच बैठक विफल होने के एक दिन बाद हुई। किसानों की मांगों पर चर्चा के लिए पंजाब सरकार और एसकेएम नेताओं के बीच सोमवार को हुई वार्ता बीच में ही टूट गई, किसान नेताओं ने दावा किया कि ‘नाराज’ मान ‘बिना किसी उकसावे के बैठक से बाहर चले गए’। हालांकि, मान ने कहा था कि किसानों के साथ बातचीत के लिए उनके दरवाजे हमेशा खुले हैं, लेकिन आंदोलन के नाम पर जनता को असुविधा और उत्पीड़न से बचा जाना चाहिए।

एसकेएम ने अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में 5 मार्च से चंडीगढ़ में एक सप्ताह तक धरना देने का आह्वान किया है। एसकेएम ने ही अब निरस्त किए जा चुके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 2020 के आंदोलन का नेतृत्व किया था। वह कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति रूपरेखा के केंद्र के मसौदे को वापस लेने, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी, राज्य की कृषि नीति को लागू करने और राज्य सरकार द्वारा एमएसपी पर छह फसलों की खरीद की मांग कर रहा है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख