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कैनबरा: अपनी पदार्पण सीरीज में ही बरिंदर सरन और मनीष पांडे को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है लेकिन भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का मानना है कि शानदार फॉर्म में चल रहे ऑस्ट्रेलिया के सामने उन्हें उतारने में कोई बुराई नहीं है क्योंकि टीम को साहसी युवाओं की जरूरत है। ऑस्ट्रेलिया ने 5 वनडे मैचों की सीरीज में 3-0 की विजयी बढ़त बना ली है। युवाओं ने बेहतरीन प्रदर्शन नहीं किया है लेकिन धोनी का मानना है कि इतनी जल्दी उनके प्रदर्शन का आकलन करना गलत है। सरन ने 3 मैचों में 3 विकेट लिए जबकि पांडे पिछली मैच में 6 रन ही बना सके। धोनी ने कहा, यदि आपको देश के लिए खेलने का मौका मिला है तो हालात चाहे जो हो, यह ज्यादती नहीं है। बतौर कप्तान आपको युवाओं को यही सीख देनी होती है। उन्होंने कहा, 5वें या छठे नंबर के बल्लेबाजों को अंत तक खेलने की सोचना चाहिए और यदि वे अच्छा खेल रहे हैं और अंत तक नाबाद है तो अच्छा है। आप टीम में इसी तरह का माहौल चाहते हैं। धोनी ने कहा कि अभी तक के प्रदर्शन से उनकी प्रतिभा की बानगी नहीं मिली है लेकिन उनके जज्बे का पता चला है।

धोनी ने कहा, पांडे, मान और धवन को बड़े शॉट खेलने में कोई हिचकिचाहट नहीं है। जब आप कठिन मैच खेलते हैं तो आपको सामान्य वनडे की तुलना में अधिक अनुभव मिलता है। उन्होंने कहा, आप उनके प्रदर्शन की समीक्षा नहीं कर सकते क्योंकि उन्होंने 12 से 15 गेंद ही खेली है लेकिन इन गेंदों को खेलने के आधार पर उनके जज्बे का पता चलता है। उन्होंने कहा, आपको इसी को प्रोत्साहित करना है। आपको टीम में साहसी लोगों की जरूरत है। हार जीत तो चलती रहती है लेकिन आपको टीम में शानदार जज्बे वाले लोग चाहिए। उन्होंने कहा, यदि आप इस सीरीज में टीम को देखें तो गेंदबाजी अनुभवहीन है। ईशांत शर्मा ने काफी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेली है लेकिन वह लगातार टीम में नहीं रहा है। उमेश यादव का भी वही हाल है और कई गेंदबाज तो यहां पदार्पण कर रहे हैं। धोनी ने कहा, हमें यह आकलन करना होगा कि वे कैसा खेल रहे हैं और उनकी प्रगति की दर क्या है। मैं हमेशा कहना आया हूं कि आपको युवाओं को तैयार करना होगा। हमें मुकम्मिल खिलाड़ी नहीं मिलेंगे बल्कि हमें उन्हें तैयार करना होगा ताकि वे लंबे समय तक खेल सकें।

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