नई दिल्ली: टाटा संस के विजनरी चेयरमैन रतन टाटा का 86 साल की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वे अपने पीछे एक ऐसी अमिट विरासत छोड़ गए, जिसने भारत के कॉर्पोरेट परिदृश्य को बदल दिया। जैसे ही उनके निधन की खबर फैली तो देश के नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके अलावा विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी उन्हें याद किया।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, रतन टाटा जी एक दूरदर्शी कारोबारी नेता, एक दयालु आत्मा और एक असाधारण इंसान थे। उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया। साथ ही, उनका योगदान बोर्डरूम से कहीं आगे तक गया। उन्होंने अपनी विनम्रता, दयालुता और हमारे समाज को बेहतर बनाने के लिए एक अटूट प्रतिबद्धता के कारण कई लोगों के बीच अपनी जगह बनाई।
रतन टाटा ने अर्थव्यवस्था महत्वपूर्ण योगदान दिया: राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें याद करते हुए कहा, रतन टाटा के निधन से दुखी हूं। वे भारतीय उद्योग जगत के एक ऐसे दिग्गज थे जिन्हें हमारी अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है। उनके परिवार, मित्रों और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।
रतन टाटा एक दूरदर्शी व्यक्ति थे: राहुल गांधी
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि रतन टाटा एक दूरदर्शी व्यक्ति थे। उन्होंने व्यवसाय और परोपकार दोनों पर अमिट छाप छोड़ी है। उनके परिवार और टाटा समुदाय के प्रति मेरी संवेदनाएं।
उसुलों पर चलने वाले इन्सान थे रतन टाटा: नितिन गडकरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश के महान सुपुत्र रतन टाटा जी के निधन का समाचार सुन कर स्तब्ध हूं। रतन टाटा जी से तीन दशकों से अधिक का अत्यंत घनिष्ट पारिवारिक संबंध रहा है। इतने बड़े व्यक्ति की सादगी, उनकी सहजता, अपने से छोटे का भी सम्मान करना, ये सारे गुण मैने काफी नज़दीक से देखे और अनुभव किए है। मुझे अपने जीवन में उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला।
उन्होंने आगे कहा कि देश के सबसे बड़े व्यावसायी के नाते देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में, रोजगार निर्माण करने में उनका बड़ा योगदान है। वो परम देश भक्त होने के साथ साथ उसुलों पर चलने वाले इन्सान थे। जितने बड़े व्यावसायी थे, उससे भी बड़े संवेदनशील समाजसेवी थे। उनके निधन से भारत ने एक आदर्श और कर्तृत्ववान सुपुत्र को खोया है। ये देश रतन टाटा जी को कभी भूल नही सकता। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें। ॐ शांति।