ताज़ा खबरें
मंत्री शाह को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, जांच के लिए एसआईटी गठित

तवांग (अरुणाचल प्रदेश): तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने कहा है कि उनका उत्तराधिकारी ढूंढ़ने की चीन की कोशिश बकवास है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि यह संस्थापन अब प्रासंगिक नहीं रहा तो इसे बंद कर दिया जाना चाहिए। दलाई लामा ने यहां शनिवार को कहा, तिब्बत के उद्देश्य को कमतर करने के लिए मेरा उत्तराधिकारी नामजद करने का बीजिंग का प्रयास बकवास है। मैंने वर्ष 1969 में कहा था कि तिब्बती लोग यह तय करेंगे कि दलाईलामा के संस्थान को जारी रखा जाना चाहिए या नहीं। 82 वर्षीय आध्यात्मिक नेता ने कहा, कोई नहीं जानता कि कौन और कहां से दलाई लामा पैदा होंगे या आएंगे। मेरी मौत के समय कोई संकेत आ सकता है। लेकिन अभी ऐसा संकेत नहीं है। हालांकि उन्होंने अगले दलाई लामा के महिला होने की संभावना से इनकार नहीं किया। भाजपा नीत राजग सरकार की चीन संबंधी नीति पर दलाई लामा ने कहा, यह कमोबेश नरसिम्हा राव सरकार के दिनों की कांग्रेस की नीति जैसी ही है। लेकिन मैं नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करता हूं। वह सक्रिय हैं एवं विकास चाहते हैं। दलाई लामा ने कहा कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिका पहले नीति से असहमत हैं। यह उस देश के अनुकूल नहीं है जो स्वतंत्र सोच को प्रोत्साहित करता है। उन्होंने अमेरिका के संरक्षणवाद से दूरी बनाने के लिए यूरोपीय संघ की तारीफ की।

उन्होंने कहा कि भारत, चीन और पाकिस्तान के साथ भी यूरोपीय संघ जैसा आर्थिक एवं सांस्कृतिक सहयोग हो सकता है ताकि क्षेत्र में ज्यादा स्थिरता हो सके। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने दलाई लामा को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न दिए जाने के लिए अभियान शुरू किया है। यह अभियान 6 अप्रैल को शुरू हुआ। अभियान चलाने वाले आरएसएस के जिला नेता लुंडप चोसांग ने कहा, हमने पांच हजार लोगों के हस्ताक्षर जुटा लिए हैं। हम 25 हजार हस्ताक्षर हासिल करने के बाद अपनी अर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपेंगे। दलाई लामा ने चीन पर उनकी अरुणाचल प्रदेश की यात्रा के बारे में गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, मेरे आध्यात्मिक दौरे को राजनीतिक रंग देना चीन की आदत है। चीनी लोग मेरे बारे में चीन की झूठी सूचना से उब चुके हैं। जब विदेशों में ये लोग मुझसे मिले तब उन्हें इसका अहसास हुआ।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख