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नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा पर पीपीई किट सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। इसके बाद हिमंत बिस्वा सरमा ने भी एक के बाद एक कई ट्वीट कर इस आरोप पर अपनी सफाई दी। उन्होंने साथ ही कहा कि सिर्फ आधे कागजात मत दिखाइए, हिम्मत है तो पूरी जानकारी दीजिए।

असम के सीएम ने अपने ट्वीटर पर लिखा, "ऐसे समय में जब पूरा देश 100 से अधिक वर्षों में सबसे भीषण महामारी का सामना कर रहा था, असम के पास शायद ही कोई पीपीई किट हो। मेरी पत्नी ने आगे आने और जीवन बचाने के लिए सरकार को लगभग 1500 मुफ्त दान करने का साहस किया। उसने एक पैसा भी नहीं लिया।"

एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, मनीष सिसोदिया जी आपने उस समय अपना एक अलग रूप दिखाया। आपने दिल्ली में फंसे असम के लोगों की मदद के लिए मेरे कई कॉल्स को ठुकरा दिया। मैं ये कभी नहीं भूल सकता जब मुझे दिल्ली के मुर्दाघर से असम के एक कोविड पीड़ित का शव लेने के लिए 7 दिन इंतजार करना पड़ा।

एक अन्य ट्वीट में असम के सीएम ने लिखा, "उपदेश देना बंद करें और मैं जल्द ही आपको गुवाहाटी में देखूंगा, क्योंकि आप आपराधिक मानहानि का सामना करेंगे।"

इससे पहले मनीष सिसोदिया ने एक दस्तावेज पेश करते हुए अपने आरोप में कहा कि हिमंत बिस्वा सरमा ने अपनी पत्नी की कम्पनी और बेटे के पार्टनर की कम्पनियों को सरकारी खरीद के ठेके दिए। जब 2020 में वो असम के स्वास्थ्य मंत्री थे, तब कोविड की आड़ में भ्रष्टाचार किये गए।

मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया, "माननीय मुख्यमंत्री @हिमांताबिस्वा जी! यह रहा आपकी पत्नी की जेसीबी इंडस्ट्रीज के नाम 990/- प्रति किट के हिसाब से 5000 किट ख़रीदने का कॉन्ट्रैक्ट… बताइए क्या यह काग़ज़ झूठा है? क्या स्वास्थ्य मंत्री रहते अपनी पत्नी की कम्पनी को बिना टेंडर परचेज आर्डर देना भ्रष्टाचार नहीं है?"

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