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गुवाहाटी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि पूर्वोत्तर के पास देश में दूसरी हरित क्रांति शुरू करने की क्षमता है। मोदी ने यहां एक रैली में कहा, ‘पूर्वोत्तर और असम के पास काफी मात्रा में पानी, उर्वर भूमि और कड़ी मेहनत करने वाले किसान हैं। प्रथम हरित क्रांति पंजाब और हरियाणा में हुई थी। अब दूसरी हरित क्रांति इस क्षेत्र में हो सकती है।’ किसानों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘2022 में, जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष मना रहा होगा, मेरी कामना है कि तब किसानों की आय दोगुनी हो जाए। हमें यह करने की जरूरत है। यह चुनौतीपूर्ण है लेकिन यदि हमने दृढ़ संकल्प के साथ प्रगति की, तो यह संभव है।’ उन्होंने कहा कि असम और समूचा पूर्वोत्तर इस लक्ष्य को पाने में अत्यधिक योगदान दे सकते हैं।

मोदी ने यह भी भरोसा जताया कि यह क्षेत्र देश में जैविक कृषि की राजधानी बन सकता है जहां सिक्किम भारत के प्रथम जैविक राज्य के अनोखे स्थान पर पहुंच चुका है। उन्होंने कहा, ‘हर कोई रसायनों की जद से छुटकारा पाना चाहता है और जैविक उत्पाद चाहता है। दुनिया में जैविक कृषि से अरबों रूपये आ रहे हैं। पूर्वोत्तर के पास इस क्षेत्र में क्षमता है।’ मोदी ने कहा कि विकास को संतुलित होना चाहिए और देश में सभी क्षेत्रों को समान रूप से प्रगति करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘लेकिन सिर्फ पश्चिम भारत ने प्रगति की और गुवाहाटी पिछड़ा रह गया। भारत इस तरह से प्रगति नहीं कर सकता। असम के लोग वहां नौकरियों के लिए जाते हैं। यदि पूर्वी क्षेत्र भी विकसित हो तो लोगों को अपना घर बार छोड़ने की जरूरत नहीं होगी।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार, पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित पूर्वी क्षेत्र और पूर्वोत्तर प्राकृतिक संसाधनों में समृद्ध है लेकिन यह आजादी के बाद से पिछड़ा हुआ है।

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