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दीफू (असम): राहुल गांधी ने असम में मतदाताओं से विधानसभा चुनाव में भाजपा को खारिज करने की अपील करते हुए मंगलवार को कहा कि यदि यह सत्ता में आती है तो नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय या प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से राज्य का शासन चलेगा। उन्होंने लोगों को यह चेतावनी भी दी कि भाजपा राज्य में सिर्फ हिंसा भड़काएगी और कांग्रेस द्वारा बनाए गए शांति के माहौल को खत्म करेगी। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने यहां कर्बी जिले में एक चुनाव रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम चाहते हैं कि हर कोई सोचे और हर किसी की संस्कृति, भाषा के लिए काम करे तथा देश में किसी को नहीं कुचला जाए। भाजपा असम में क्या चाहती है। पहले वे आएंगे और आपका वोट मांगेंगे और फिर असम का शासन यहां से नहीं होगा, बल्कि नागपुर या प्रधानमंत्री कार्यालय से होगा।’ राहुल ने कहा कि भाजपा जहां कहीं गई है यह हिंसा लायी है और इसने शांति में खलल डाला है। उन्होंने हरियाणा का उदाहरण दिया जहां सत्ता में उसके आने के कुछ ही महीनों के अंदर जाट और गैर जाट समुदायों के बीच हिंसा हुई।

उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि भाजपा जहां कहीं जाती है यह लोगों को एक दूसरे से लड़ाने की कोशिश करती है। उदाहरण के तौर पर हरियाणा में पिछले 10 साल से शांति थी और कांग्रेस के सत्ता में रहने के दौरान कोई हिंसा या रोष नहीं था। लेकिन भाजपा के वहां सत्ता में आने के कुछ ही महीनों के अंदर हिंसा हुई। जाट और गैर जाट समुदाय एक दूसरे से लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आपने देखा कि गुजरात में क्या हुआ। बिहार में उन्होंने चुनाव से पहले हिंसा कराने की कोशिश की और असम में भी वे हिंसा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। हिंसा रूकने के बाद यहां आई शांति को वे खत्म कर देंगे। वे लोग आपके बारे में या असम के बारे में नहीं सोचते, वे पूरे देश पर सिर्फ एक विचारधारा और विचार थोपना चाहते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर झूठे वादे करने का भी आरोप लगाया और कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान किए अपने वादे को पूरा करने में नाकाम रहने के चलते बिहार के लोगों ने एक सीधी लड़ाई में उन्हें खारिज कर दिया। राहुल ने कहा कि यदि समूचे देश में एक विचार थोप दिया जाए तो आपकी भाषा, आपके रीति रिवाज आपके इतिहास का क्या होगा। यह देश किसी एक का, या किसी एक विचार का नहीं है बल्कि विभिन्न भाषाओं के करोड़ों लोगों का है, यहां इतिहास जीवंत है और यह देश सबका है। उन्होंने प्रधानमंत्री पर प्रहार करते हुए और लोगों से बिहार की तरह ही भाजपा को खारिज करने की अपील करते हुए उनसे कालाधन वापस लाने, महंगाई पर काबू पाने, असम को कोष देने और किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मुहैया करने के मोदी के वादों के बारे में पूछा। राहुल ने कहा कि यह सवाल बिहार के लोगों ने उनके (प्रधानमंत्री के) समक्ष किया क्योंकि उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान ढेर सारे वादे किए और जब कुछ महीनों बाद वह विधानसभा चुनाव के दौरान लौटें तब बिहार के लोगों ने इन वादों को बारे में पूछा तथा उन्हें सबक सिखाने का फैसला किया। उन्होंने एक सीधी लड़ाई में उन्हें वापस दिल्ली भेज दिया। अब असम के लोग भी यही करंेगे। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने किसानों और गरीबों की दुदर्शा के मुद्दे का हल नहीं किया तथा इसके बजाय विजय माल्या और ललित मोदी जैसे लोगों को देश से बच निकल कर भागने दिया, जिनके पास काला धन है। राहुल ने कहा, ‘जब मैंने उनसे संसद में उनके अधूरे वादों के बारे में पूछा, उन्होंने मुझे जवाब नहीं दिया।’ उन्होंने लोगों से कहा कि अब जब मोदी उनका वोट मांगने आएंगे तो वे उनसे ये सवाल करें। हालांकि, राहुल ने युवाओं को 10 लाख नौकरियां, सभी सरकारी पदों को भरने, दो लाख शिक्षकों की भर्ती करने, चावल दो रुपये किलोग्राम मुहैया करने, शीत भंडारण सुविधाएं तथा किसानों के लिए कृषि बैंक और सब के लिए आवास मुहैया करने का वादा भी किया।

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