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हैदराबाद: भ्रष्ट अफसरों की काली कमाई का एक और उदाहरण आंध्र प्रदेश में सामने आया है। यहां भ्रष्टाचार निरोधक शाखा की टीम ने ईस्ट गोदावरी जिले के परिवहन उपायुक्त ए. मोहन के कई राज्यों में फैले ठिकानों पर छापेमारी की। अब तक के आकलन में मोहन की 800 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति का पता चला है। मोहन की संपत्ति कितनी जगहों पर फैली है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गुरुवार से शुरू तलाशी अभियान दो दिनों से जारी है। एसीबी की डीएसपी ए. रमादेवी के निर्देशन में टीमों ने तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक स्थित ठिकानों पर गुरुवार से तलाशी लेनी शुरू की थी। मोहन को शुक्रवार को गिरफ्तारी के बाद विजयवाड़ा में एसीबी कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने उसकी दो हफ्ते की रिमांड पुलिस को दी है। मोहन ने बड़ी बेटी तेजश्री के नाम पर आठ कंपनियां बनाईं, इन कंपनियों की संपत्तियां ही 100 से 120 करोड़ के बीच है। हाल ही में उसने कर्नाटक के बेल्लारी से रिश्तेदारों के नाम रही करोड़ों की संपत्ति अपने नाम की, जिसकी भनक पुलिस अधिकारियों को लगी।

मोहन ने पहले तो अपने घर पर एसीबी अधिकारियों को घुसने नहीं दिया और बाद में अपना मोबाइल फोन फेंक दिया। मोहन और उसके रिश्तेदारों के यहां से कीमती आभूषण, हीरे और अन्य पत्थर मिले हैं। ईस्ट गोदावरी के आरटीओ कार्यालय में उसके करीबियों का कहना है कि काम के बदले घूस लेने में मोहन ने किसी को नहीं बख्शा। वह घूस किसी से साझा भी नहीं करता था। उसने ट्रांसफर-पोस्टिंग से भी काली कमाई की। काकीनाड़ा विधायक वनामाडी वेंकटेश्वर राव ने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से उसकी शिकायत भी की थी।

 

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