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अमरावती: आंध्रप्रदेश में भाजपा और तेलुगु देशम पार्टी के बीच जारी तकरार पर राज्य के मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने शनिवार को कोई भी टिप्पणी करने से इनकार किया। लेकिन इतना कहा कि वे मित्रधर्म निभा रहे हैं और गठबंधन को बनाए रखना भाजपा की जिम्मेदारी है।

हाल में राज्य के भाजपा नेताओं ने नायडू सरकार के कामकाज की सार्वजनिक रूप से आलोचना की थी। इसपर पूछे गए सवाल पर नायडू ने कहा, मैं मित्रधर्म के मद्देनजर गठबंधन पर कुछ भी नहीं कहूंगा। लेकिन इस मुद्दे पर भाजपा नेतृत्व को तय करना है। नायडू ने कहा, मैं अपने लोगों को नियंत्रित कर रहा हूं और आगे भी इसे जारी रखूंगा।

उन्होंने कहा, यही वजह है कि शुक्रवार को भाजपा नेता व धर्मार्थ कार्य मंत्री पी मणिख्याला राव और टीडीपी नेताओं का मुद्दे उठाने पर मैंने अपने नेताओं को चेतावनी दी। लेकिन अगर वे गठबंधन नहीं चाहते हैं, तो उन्हें इसपर चर्चा करनी चाहिए। गौरतलब है कि नायडू सरकार में भाजपा भी शामिल है और उसके दो मंत्री राज्य कैबिनेट में शामिल हैं। 

गौरतलब है कि हाल में वाईएसआर विपक्षी कांग्रेस के चार विधायकों के मुद्दे पर भाजपा विधायक दल के नेता विष्णु कुमार राजू और नायडू के बीच तकरार हुई थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता दुग्गुबती पुरुणदेश्वरी भी राज्य सरकार की आलोचना करती रहती हैं।

भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल विधायक सोमू वीराजी भी 2019 में टीडीपी के साथ नहीं रहने की बात कह चुके हैं।

दोहरी मुश्किल

महाराष्ट्र सरकार में सहयोगी शिवसेना पहले ही 2019 में लोकसभा चुनाव गठबंधन से अलग होकर लड़ने की बात कह चुकी है। ऐसे में भी टीडीपी का भी बागी रुख भाजपा के ‘मिशन 2019’ में अड़चन डाल सकता है।

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